Lawrence Bishnoi Gang: गोपालगंज में गिरफ्तार लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के तीन अपराधियों से पूछताछ में कई हथियार तस्करों के नाम सामने आए हैं. राजस्थान के रहने वाले हथियार तस्करों के नाम सामने आने के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए बिहार एसटीएफ के साथ पुलिस की एक टीम गठित की गई है. पुलिस की टीम राजस्थान समेत विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है.
इन तस्करों के नाम आए सामने
विदेशी हथियारों की तस्करी में जिन लोगों के नाम सामने आये हैं, उनमें राजस्थान के अजमेर जिले के खरवा थाना क्षेत्र के खरवा निवासी भूपेंद्र सिंह, अजमेर जिले के मंगलीयावास थाने के केसरपुरा निवासी राहुल कुमार और राजस्थान के ही एसके मीणा उर्फ सुनील कुमार उर्फ मयंक सिंह का नाम शामिल है. एसके मीणा उर्फ मयंक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप कॉलिंग कर हथियारों की डिलिवरी कराता था.
30 हजार रुपए में होती थी तस्करी
पुलिस को दिये बयान में गिरफ्तार दिनेश सिंह ने बताया है कि वह आईटीआई करने के बाद नशा करने के लिए हथियारों की तस्करी से जुड़ गया. राजस्थान से हथियार तस्करी कर मुजफ्फरपुर तक पहुंचाने पर दिनेश, कमल राव और शंतनु शिवम को 30-30 हजार रुपये मिलते.
3.5 लाख में खरीदी गयी विदेशी पिस्टल की 8.50 लाख में की जाती थी बिक्री
दिनेश सिंह ने बताया है कि राजस्थान के खरवा का रहनेवाला भूपेंद्र सिंह लॉरेंस बिश्नोई का दाहिना हाथ है और वह पंजाब और राजस्थान में नशे की तस्करी करने के साथ ही हथियारों की खरीद-बिक्री करता था. साढ़े तीन लाख रुपये में खरीदे गये हथियार को बिहार में लाकर साढ़े आठ लाख रुपये में झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू के गुर्गों को बेचने की योजना थी.
22 जुलाई को किए गए थे गिरफ्तार
लेकिन इससे पहले बीते 22 जुलाई को कुचायकोट थाने की पुलिस ने बलथरी चेकपोस्ट पर नगालैंड की बस से राजस्थान के कमल राव व मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के शंतनु शिवम को ऑस्ट्रिया निर्मित चार विदेशी पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. इनकी निशानदेही पर राजस्थान से दिनेश सिंह रावत को भी पकड़ लिया गया था.