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लोकसभा व विस के तर्ज पर बोर्ड व स्टैंडिंग की बैठक की कार्यवाही देखेंगे अब आम लोग…

लोकसभा की तरह ही निगम में आम लोगों के बैठक में मौजूद रहने पर यहां सब कुछ तय खुलेआम होगा. इससे यह होगा कि लुकाछुपी का खेल लगभग बंद हो जायेगा.

लोकसभा व विस के तर्ज पर निकायों में होनेवाली बैठकें भी आम लोग देख सकेंगे. हालांकि, उन्हें बैठक के दौरान कुछ भी बोलने की अनुमति नहीं होगी. इस संबंध में सरकार के अपर सचिव मनोज कुमार ने नगर आयुक्त को पत्र भेज दिया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि नगर निकायों की कार्यवाही को देखने के लिए लोगों को अनुमति निगम में महापौर, नगर पंचायत व नगर पर्षद में मुख्य पार्षद व अध्यक्ष देंगे. नगर निगम में 20, नगर पर्षद में 15 व नगर पंचायत में 10 व्यक्तियों को मौजूद रहने की अनुमति होगी.

चयनित जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के अलवा इनके लिए बैठने की अलग से व्यवस्था की जायेगी. गौरतलब है कि सरकार के निकाय संशोधन विधेयक के विरोध में मेयर, डिप्टी मेयर व अन्य सदस्यों ने आंदोलन छेड़ रखा था. इसके बाद सरकार की ओर से मामले को शांत करने के लिए कई निर्देश जारी किये गये हैं.

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अपर सचिव के जारी कई पत्र में कहा गया है कि ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के सफल संचालन के लिए एजेंसी का चयन राज्य सरकार के स्तर पर न होकर स्थानीय निकाय के स्तर पर ही किया जायेगा. बोर्ड व स्टैंडिंग की कार्यवाही 15 दिनों के अंदर निकालनी होगी. पत्र में कहा गया है कि बार-बार यह सूचना मिल रही है कि एक बैठक होने के बाद दूसरी बैठक तक कार्यवाही नहीं निकाली जाती है. इसके चलते कई तरह के विवाद उत्पन्न होते हैं.

बहुत अच्छी पहल है

सभी को निकायों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने का अधिकार है. आम लोग के मौजूद रहने पर बैठक में पारदर्शिता को बढ़ावा देने में बल मिलेगा. सरकार की ओर से कुछ नियमों में परिवर्तन किया गया था. आंदोलन के बाद बातचीत के माध्यम से इसका हल निकाला जा रहा है. डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान,

मेयर लुका छुपी का खेल हो जायेगा बंद

निगम में आम लोगों के बैठक में मौजूद रहने पर यहां सब कुछ तय खुलेआम होगा. इससे यह होगा कि लुकाछुपी का खेल लगभग बंद हो जायेगा. आम लोग की भी नजर यहां के निर्णय पर होगी. शहर को विकसित बनाने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है.सारिका वर्मा, पार्षद, नगर निगम

सरकार की ओर से संशोधन स्वागत योग्य

सरकार की ओर से किए गये संशोधन निकायों के हित में है. कार्यवाही पुस्तिका में नगर आयुक्त व अन्य निकायों के अधिकारी को हस्ताक्षर करने का सरकार की ओर से सोच समझकर निर्णय लिया गया है. साथ ही लोकसभा व विस के तर्ज पर बैठकों में पब्लिक की मौजूदगी सकारात्मक काम को बल मिलेगा. धर्मेंद्र कुमार, सशक्त स्थायी समिति सदस्य, नगर निगम

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