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Lok Sabha Election 2024: चुनाव जीतने के लिए जोर आजमाइश तेज, पढ़िए प्रत्याशी कहां कर रहे सबसे ज्यादा खर्च…

Lok Sabha Election 2024 बिहार के 38 लोकसभा में दोनों गठबंधन के उम्मीदवार 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेंगे. इसमें 30 फीसदी राशि चुनावी सभाओं, 20 फीसदी बूथ मैनजमेंट, 15 से 20 प्रतिशत प्रचार वाहन पर खर्च होंगे.

मनोज कुमार, पटना

Lok Sabha Election 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव की तपिश बढ़ती जा रही है. राजनीतिक दलों की जोर आजमाइश तेज हो गयी है. बड़े नेताओं के चुनावी दौरे शुरू हैं. चुनाव प्रचार के दौरान खर्च भी बड़े पैमाने पर होते हैं. चुनाव आयोग ने इस बार खर्च की सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित की है. एनडीए व इंडिया गठबंधन के बीच ही बिहार में मुख्य मुकाबला है. इस कारण प्रभात खबर ने इन दोनों गठबंधनों के प्रत्याशियों का चुनाव देख रहे प्रमुख लोगों से बात की. इसमें पाया गया कि दलों का सबसे अधिक खर्च चुनावी सभाओं और पोलिंग एजेंट पर है.

चुनाव आयोग की तय सीमा के अनुसार, बिहार के 38 लोकसभा में दोनों गठबंधन के उम्मीदवार 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेंगे. इसमें 30 फीसदी राशि चुनावी सभाओं, 20 फीसदी बूथ मैनजमेंट, 15 से 20 प्रतिशत प्रचार वाहन पर खर्च होंगे. खाने-पीने और झंडा-पोस्टर-बैनर पर पांच-पांच फीसदी राशि खर्च होगी. मीडिया पर आठ से दस फीसदी व लोकल नेताओं के पॉकेट पर भी दस प्रतिशत खर्च होगा. यह भी देखा जा रहा है कि घूम-फिरकर खर्च की अधिकतर राशि कार्यकर्ताओं के पास जा रही है.

सभाओं में भीड़ जुटाने व मैनेजमेंट पर सबसे अधिक खर्च

भीड़ माहौल बनाने का काम करती है. इस कारण छोटी-बड़ी चुनावी सभाओं में भीड़ जुटाने पर सबसे अधिक खर्च प्रत्याशियों को करना पड़ रहा है. भीड़ जुटाने का सब दलों का अपना-अपना फंडा है. भीड़ का एक हिस्सा मैनेजमेंट से जुटाना पड़ रहा है. स्थानीय नेता इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. सभा स्थल की सारी व्यवस्था जैसे टेंट, माइक, कुर्सी के अलावा कार्यक्रम स्थल तक लोगों को लाने व फिर वापस पहुंचाने का प्रबंध करना पड़ रहा है. इस पर कुल 30 फीसदी राशि खर्च हो रही है. 38 लोकसभा में एक गठबंधन के सभी 38 उम्मीदवारों को इस कार्य पर 21.5 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवारों को मिलाने पर यह राशि 43 करोड़ से ज्यादा होगी.            

हर पोलिंग एजेट पर डेढ़ से दो हजार होंगे खर्च

राज्य में 77 हजार से अधिक बूथ बनाये गये हैं. इसमें दोनों गठबंधनों के पोलिंग एजेंट मुस्तैदी से तैनात किये जायेंगे. प्रत्येक बूथ पर पोलिंग एजेंटों पर डेढ़ से दो हजार रुपये खर्च होंगे. इस हिसाब से सभी 38 बूथों पर गठबंधन दल के एक उम्मीदवार सात करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे. दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों को मिलाकर यह राशि 14 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचेगी.

प्रचार वाहनों पर खर्च होंगे 14 करोड़ से ज्यादा

आयोग की ओर से इस बार प्रत्येक उम्मीदवार को 14 वाहनों की अनुमति मिली है. इस हिसाब से 38 लोकसभा में एक गठबंधन के उम्मीदवार 532 वाहन से प्रचार करेंगे. दोनों गठबंधन के उम्मीदवारों को मिलाकर प्रचार वाहनों की संख्या 1064 होगी. प्रचार वाहनों के लिए पेट्रोल, लाउडस्पीकर, इस पर घूमने वाले नेताओं के खाने-पीने का भी दल इंतजाम कर रहे हैं. इस पर कुल 20 फीसदी राशि खर्च होगी. 38 लाेकसभा सीटों पर एक गठबंधन दल के 38 प्रत्याशी कुल सात करोड़ 22 लाख रुपये प्रचार वाहनों पर खर्च करेंगे. दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवार को मिलाकर प्रचार वाहनों पर खर्च 14 करोड़ 44 लाख रुपये होंगे.

चाय-नाश्ता, रहने-खाने पर सात करोड़ खर्च

राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बाहर से भी आये हैं. स्थानीय कार्यकर्ता कई दिनों से घर से दूर रहकर पार्टी के प्रचार में जुटे हैं. ये लोग दिन-दिन भर घूमकर माहौल बना रहे हैं. इस तरह के कुछ कार्यकर्ताओं को रहने से लेकर खाने तक का का प्रबंध किया गया है. कई के लिए सिर्फ खाने का इंतजाम है. इस पर पांच फीसदी राशि राजनीतिक दल खर्च कर रहे हैं. इस हिसाब से 38 लोकसभा क्षेत्रों में दोनों गठबंधन के उम्मीदवार सात करोड़ 22 लाख रुपये खर्च करेंगे. सभी सीटों पर एक गठबंधन के हिस्से 3 करोड़ 61 लाख रुपये का भार पड़ेगा.

मीडिया पर 14, पोस्टर-बैनर पर सात करोड़ खर्च

मीडिया पर दस फीसदी व झंडा पोस्टर बैनर पर दोनों गठबंधन दलों के नेता पांच फीसदी राशि खर्च कर रहे. इस हिसाब से 38 लोकसभा में दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवार मीडिया पर 14 करोड़ 44 लाख तथा पोस्टर-बैनर पर सात करोड़ 22 लाख रुपये खर्च कर रहे.

14 करोड़ कार्यकर्ताओं व अन्य की जेब में

पार्टी के कार्यकर्ता, जातीय संगठन के पदाधिकारी, क्षेत्र के प्रभावी व सक्रिय लोगों की जेब में दस फीसदी राशि जायेगी. दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवार इस पर कुल 14 करोड़ 44 लाख रुपये खर्च करेंगे.

केवल दोनों गठबंधन खर्चेंगे 72 करोड़, उम्मीदवार और भी हैं

आयोग की तय सीमा के अनुसार केवल दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवार 72 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. जबकि, इनके अलावा भी कई उम्मीदवार मैदान में हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवार भी क्षेत्र में बहुत मजबूत हैं. उनकी ओर से भी खर्च बड़े पैमाने पर किया जा रहा. इनके खर्च को जोड़ने पर यह आंकड़ा अरब पार कर जायेगा.

खर्चा और भी है, जिसकी नहीं होती चर्चा

चुनाव आयोग ने 95 लाख रुपये खर्च की राशि निर्धारित की है. मगर, प्रत्याशियों के मुख्य रणनीतिकारों ने बताया कि 95 लाख रुपये से चुनाव लड़ना आसान नहीं है. चुनाव खर्च की यह राशि छह से सात करोड़ तक जायेगी. कहीं-कहीं दस करोड़ तक भी पहुंचेगी. कई लोकसभा में दस करोड़ का भी आंकड़ा पार कर जायेगा. छह से सात करोड़ के आंकड़ें को आधार मानने पर 38 लोकसभा में एक गठबंधन के उम्मीदवार का अनाधिकृत खर्च लगभग दो अरब 66 करोड़ पहुंचेगा. दोनों गठबंधन दलों के उम्मीदवारों को मिलाने पर यह आंकड़ा पांच अरब 32 करोड़ रुपये तक जायेगा.

        

कहां कितना खर्च

चुनाव खर्चखर्च प्रतिशत
चुनावी सभा 30
प्रचार वाहन20
पोलिंग बूथ20
चाय – नाश्ता5
मीडिया10
पोस्टर-बैनर5
कार्यकर्ता10

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