Lok Sabha Election: पटना. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का चुनावी शोर बुधवार की शाम पांच बजे थम जायेगा. इस चरण में पूर्वी बिहार की दो सीटें भागलपुर व बांका तथा सीमांचल की तीन पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में मतदान होना है. यहां अपनी सीटें बचाने की सबसे बड़ी चुनौती जदयू की है. पांच में चार सीट पर जदयू, जबकि किशनगंज पर कांग्रेस का कब्जा है. जदयू के साथ भाजपा भी मजबूती के साथ खड़ी है. इन सभी सीटों पर कब्जा जमाने के लिए एनडीए और महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों ही घटक दलों के शीर्ष नेताओं की यहां कई दिनों से निरंतर सभाएं चल रही हैं.
सीमांचल और पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव की अलग फिजा
सीमांचल और पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव की फिजा इस बार कुछ अलग ही है. आर-पार जैसी लड़ाई दोनों गठबंधनों ने ठान ली है. दोनों तरफ से शीर्ष नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है तथा इसी इलाके में कैंप कर पूरी ताकत झोंक दी है. एक ही क्षेत्र में शीर्ष नेताओं की बार-बार सभाएं और रोड शो बता रहे हैं कि लड़ाई कितनी चुनौतीपूर्ण है. मुद्दों पर वार-पलटवार के अलावा समीकरण साधने के हर दांव चले जा रहे हैं. इस चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन क्षेत्रों में आकर सभाएं कीं. प्रचार के अंतिम दिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की भी सभा भागलपुर में होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसी इलाके में कैम्प कर लगातार सभाएं व रोड शो किये.
एनडीए ने सीट बचाने को लगा दी पूरी ताकत
सीमांचल की सीटों पर एनडीए की जीत के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है. पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेता भी लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 16 अप्रैल को पूर्णिया में सभा की थी. अब पीएम का चुनावी दौरा 26 को अररिया और मुंगेर में होना है. गृह मंत्री अमित शाह कटिहार में सभा कर चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन बिहार आ चुके हैं. उनकी सभी सभाएं सहयोगी दलों के लिए ही हुई हैं. 23 को भागलपुर में उनकी सभा हुईं. सम्राट चौधरी की भी आधा दर्जन सभाएं सीमांचल में हुई हैं. सीएम मधेपुरा में चार दिन कैंप कर दूसरे चरण की सीटों पर प्रचार किया. इस दौरान उन्होंनेताबड़तोड़ सभाओं के साथ-साथ रोड शो भी किये. मंगलवार तक उन्होंने कुल 11 जनसभाओं को संबोधित किया. पांच दिनों में वह तीन बार भागलपुर गए.
पूर्णिया और किशनगंज की लड़ाई त्रिकोणीय
पूर्णिया और किशनगंज में लड़ाई त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की जा रही है। पूर्णिया में निर्दलीय पप्पू यादव तो किशनगंज में ओवैसी के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान पूरे दम-खम के साथ मैदान में हैं. यहां असदुद्दीन ओवैसी की अब तक सात सभाएं हो चुकी हैं. इन दो के अलावा अन्य तीन सीटों पर एनडीए व इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला है. सीमांचल को लेकर कांग्रेस भी काफी सक्रिय है. राहुल गांधी-खड़गे भी पहुंचे. 20 अप्रैल को राहुल गांधी की भागलपुर में सभा हुई. 19 अप्रैल को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कटिहार और किशनगंज में सभाएं कीं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की सबसे अधिक सभाएं दूसरे चरण की सीटों पर हुईं. हालांकि, किशनगंज में उनकी एक भी सभा नहीं हुई है. वहीं, अन्य चार सीटों पर अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक जनसभाएं उन्होंने की हैं. वे पूर्णिया में दो दिनों से कैंप कर प्रचार कर रहे हैं.
राजद का पूरा कुनबा पूर्णिया पहुंचा
राजद पूर्णिया को लेकर इतनी गंभीर है कि पार्टी का पूरा कुनबा अगले दो दिन तक पूर्णिया में कैंप करेगा. पूर्णिया से निर्दलीय पप्पू यादव राजद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुके हैं. पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया कि अगर आप हमारी उम्मीदवार बीमा भारती को वोट नहीं देना चाहते हैं तो जदयू के संतोष कुशवाहा को वोट दे दीजिए. पूर्णिया में पिछले एक सप्ताह से राजद के 50 से अधिक विधायक और विधान पार्षद कैंप कर रहे हैं. बुधवार को लालू प्रसाद भी नेताओं की टोली के साथ पूर्णिया पहुंचनेवाले हैं. ऐसे में पूर्णिया का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.