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Lok Sabha Elections: प्रशांत किशोर से मिले पप्पू यादव, सियासी गलियारे में बढ़ी हलचल

Lok Sabha Elections: प्रशांत किशोर से पप्पू यादव की मुलाकात के बाद बिहार के सियासी गलियारे में हलचल बढ़ गयी है. कांग्रेस के करीबी और पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव का प्रशांत किशोर से मिलना चुनाव नतीजों से पहले बहुत कुछ होने का संकेत दे रहा है.

Lok Sabha Elections: पटना. बिहार में लोकसभा चुनाव के चार चरणों के मतदान के बाद अब नतीजों और उसके बाद की रणनीतियों पर बातचीत शुरू हो गयी है. चुनाव परिणाम के बाद बननेवाले समीकरणों को लेकर सियासत के लोग एक दूसरे से मिलने-जुलने लगे हैं. ऐसे में ही पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव शुक्रवार को देश के चर्चित राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की. जनसुराज के बैनर तले प्रशासत किशोर पिछले कई महिनों से बिहार की यात्रा कर रहे हैं. प्रशांत किशोर और पप्पू यादव की इस मुलाकात से बिहार के सियासी हलके में तरह-तरह की बातें शुरू हो गयी हैं. इस मीटिंग के बाद बिहार का सियासी पारा गर्मागया है.

आज भी कांग्रेस के करीब हैं पप्पू यादव

चुनावी माहौल के बीच दोनों नेताओं के मिलने से राजनीतिक गलियारे इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है कि नतीजे आने से पहले ही कुछ बड़ा होने जा रहा है. दरअसल पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन आरजेडी ने यह सीट अपने पास रखी और विधायक बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया. इसके बाद पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में उतर गए. हालांकि, कांग्रेस ने उनके खिलाफ या उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं की. पप्पू यादव की बगावत के बावजूद कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की.

चुनाव से दूर हैं प्रशांत किशोर

वहीं, जनसुराज अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. पहले चर्चा थी कि वह बिहार की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं या फिर निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दे सकते हैं. हालांकि, उनका पूरी तरह फोकस 2025 के विधानसभा चुनाव पर है. वे बिहार चुनाव से पहले जनसुराज को राजनीतिक दल में बदलकर मैदान में उतर सकते हैं. साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर को साथ आने का निमंत्रण दिया था. उस समय पप्पू यादव जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष थे और किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं थे.

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पहले भी हो चुकी है एक साथ आने की पहल

उन्होंने कहा था कि बिहार की जनता नया गठबंधन चाहती है. पीके, कन्हैया कुमार जैसे नई सोच के नेता की बिहार को जरुरत है. हालांकि, बाद में कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए और पप्पू यादव ने भी अपनी पार्टी जाप का विलय लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस में कर दिया और प्रशांत किशोर ने भी पिछले दिनों एक साक्षत्कार में कहा कि वैचारिक रूप से वो अगर किसी पार्टी के करीब हैं तो वो कांग्रेस है. ऐसे में पप्पू यादव और प्रशांत किशोर की इस मुलाकात को लोकसभा के बाद बननेवाली रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है.

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