मणिपुर के जिरीबाग जिले में सुरक्षा बलों पर कुकी उपद्रवियों की गोलीबारी में शहीद मधेपुर के बाकी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा के दरवाजे पर बैठे बूढ़े पिता हरिश्चंद्र झा की आंखों से बेटे की शहादत की खबर सुनने के बाद आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
मणिपुर के जिरीबाग जिले में सुरक्षा बलों पर कुकी उपद्रवियों की गोलीबारी में शहीद झंझारपुर के बाकी गांव निवासी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा का पार्थिव शरीर सोमवार की शाम 7.30 बजे पटना हवाई अड्डे पर पहुंचा. यहां से जवान का पार्थिव शरीर पैतृक निवास भेजा जायेगा. हवाई अड्डे के स्टेट हेंगर में मंत्री नीतीश मिश्रा व आइजी गरिमा मल्लिक सहित अन्य अधिकारियों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की.
रविवार से ही अपने दरवाजे पर बैठकर पुत्र के आने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हे अभी तक विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनका व गांव का दुलारा पुत्र इस दुनिया से विदा ले चुका है. वह कह रहे हैं कि अजय ने फोन कर बताया था कि छुट्टी मिल गई है. टिकट भी बन गया है. मंगलवार -बुधवार को गांव मिलने आएगा. इधर मां की ममता भी आंचल फैलाकर अपने लाडले के लिए रो-रोकर बार-बार पुकार रही थी. शहीद की पत्नी का चीत्कार सुन ग्रामीणों का कलेजा फटा जा रहा था. शहीद के आंगन में पूरा गांव जमा है.
शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार हो रहा है. इंतजार में लोगों की आंखों ही आंखों में रात कटी और कब सुबह हुई इन लोगों को पता भी नहीं चला. बूढ़े पिता एकटक दरवाजे पर अंतिम बार अपने पुत्र को देखने की लालसा लिये बैठे हैं. लोग बार-बार मोबाइल से अजय के शव आने का समय पूछ रहे थे. अजय की मां रो-रो कर लोगों से कह रही थी, मेरे लाल ने उन उग्रवादियों का क्या बिगाड़ा था? उस समय का मंजर मातमी सन्नाटा में तब्दील हो गया.
लोगों की जुबां ठहर सी गई है. जब वृद्ध पिता को लोग दे रहे हैं, तो भीगी आंखों से बार-बार ढांढस बढ़ाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन इन लोगों के खुद के आंसू नहीं रूक रहे थे. शहीद अजय की पत्नी अनु देवी का बुरा हाल है. रविवार को जानकारी मिलने के बाद से रोये जा रही है. उनके 18 साल के पुत्र अमन कुमार झा, 11 वर्षीया पुत्री साक्षी कुमारी एवं 8 वर्षीय पुत्र उषाकर कुमार झा अपनी मां को बार-बार दिलासा देने में लगे हुए थे.
मां को चुप करने में ये लोग भी असहज महसूस कर रहे थे. शहीद अजय के बड़े पुत्र अमन बीए पार्ट वन में पटना में रहकर पढ़ाई कर रहा है. पुत्री साक्षी छठी और उषाकर तीसरी क्लास में पढ़ रहा है. ये लोग मुजफ्फरपुर सीआरपीएफ कैंप में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. शहीद अजय दो भाई और एक बहन हैं. भाई विजय कुमार दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं. बहन की शादी हो चुकी है.