Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद को लेकर शुरू हुए नए विवादों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे हिंदुओं के नेता बन जाएंगे. इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब उत्तर प्रदेश के संभल में सफाई अभियान के दौरान एक प्राचीन मंदिर के पास स्थित कुएं से खंडित मूर्ति निकली है. आरएसएस प्रमुख के बयान पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है.
दिलीप जायसवाल ने आरएसएस चीफ के बयान पर क्या कहा
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवाद पर बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक मोहन भागवत का यह बयान नहीं सुना है, इसलिए इस पर वे कुछ नहीं कह सकते. उन्होंने कहा कि इस विषय पर कोई टिप्पणी करना सही नहीं होगा.
‘ये सेहतमंद सोच है’- ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड
भागवत के बयान पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास ने स्वागत करते हुए इसे देश के लिए एक सकारात्मक कदम बताया. यासूब अब्बास ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, ‘मोहन भागवत का बयान बहुत अच्छा है. ये सेहतमंद सोच है. हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने और मजार के नीचे शिवलिंग तलाशने की कोशिश करना बिल्कुल गलत है. यह सेहतमंद सोच नहीं है और इससे समाज में तनाव ही पैदा होता है.
यासूब अब्बास ने कहा कि आरएसएस प्रमुख के इस बयान से देश में एक अच्छा माहौल पैदा होगा. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन लोगों पर लगाम लगाएं, जो अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए मंदिरों और मस्जिदों के बीच विवाद खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विदेशी ताकतें देश में सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं. यह ताकतें एक तरफ हिंदू भाइयों को मंदिरों और शिवलिंगों की तलाश करने के लिए प्रेरित करती हैं, जबकि दूसरी तरफ मुसलमानों से अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने और प्रदर्शन करने की कोशिश करती हैं. यह दोनों ही गलत हैं.
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