पटना व राजगीर साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला को लेकर राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विवि परामर्शी नियुक्त
संवाददाता, पटना.
पटना और राजगीर में साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की एक-एक इकाई को स्थापित एवं क्रियाशील करने के लिए राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) को परामर्शी बनाया गया है. गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है. पटना में चल रहे विधि-विज्ञान प्रयोगशाला और राजगीर की बिहार पुलिस अकादमी में साइबर फाॅरेंसिक प्रयोगशाला की स्थापना के लिए विभाग से पहले ही 13 करोड़ 66 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है.
विभागीय जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय फाॅरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय प्रत्येक इकाई में दो साइंटिफिक अफसर तथा चार साइंटिफिक असिस्टेंट समेत छह विशेषज्ञ उपलब्ध करायेगा. यह पांच वर्षों की अवधि के लिए होगा. इसके साथ विश्वविद्यालय परियोजना क्रियान्वयन समिति भी उपलब्ध करायेगा, जिसमें परियोजना प्रमुख, परियोजना समन्वयक और समिति सदस्य के एक-एक पदाधिकारी होंगे जबकि बिहार पुलिस के एक प्रतिनिधि होंगे. इनके मानव संसाधन पर प्रति वर्ष एक करोड़ 15 लाख 20 हजार रुपये का खर्च आयेगा. मालूम हो कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एफएसएल पुलिस जांच का अहम अंग हो गया है. सात साल से अधिक सजा वाले अपराध में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दिया गया है. साइबर अपराध से संबंधित मामलों में भी सैंपल की जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करनी होती है. अभी तक राज्य में साइबर अपराध से संबंधित सैंपल की जांच की व्यवस्था नहीं थी. इसके लिए साइबर सैंपलों को दूसरे राज्यों में भी जांच के लिए भेजा जाता था. इससे जांच ससमय पूरी नहीं हो पाती थी. इसके अलावा सैंपल भी बड़ी संख्या में जांच के लिए लंबित रह जाते हैं.
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