NEET PAPER LEAK: नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामले में सीबीआइ जांच की कई अहम जानकारी सामने आयी है. मिल रही जानकारी के अनुसार, छात्रों ने 35 से 60 लाख रुपए में नीट के प्रश्न-पत्र खरीदे थे. बिहार के छात्रों को 35 से 45 लाख में ये पेपर बेचे गए थे जबकि बिहार से बाहर के छात्रों को 55 से 60 लाख रुपए में प्रश्न-पत्र बेचे गए थे. जांच में 150 से अधिक छात्रों को पेपर मिलने का प्रमाण मिला है. इनके सेटर गुजरात के गोधरा, महाराष्ट्र के लातूर, हजारीबाग, पटना के अलावा अन्य शहरों में अलग-अलग स्थानों पर थे.
CBI की जांच रिपोर्ट में हुए खुलासे
हाल मे सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ ने अपनी जांच की जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें इन बातों का जिक्र किया गया है.बताया गया है कि इसमें केवल पटना में 35 छात्रों को नीट पेपर के उत्तर के साथ प्रश्नपत्र देकर रटवाया गया था. सूत्रों के अनुसार लीक पेपर प्राप्त करने वाले 150 छात्रों में करीब आधे ऐसे छात्र हैं जिन्हें बेहतर अंक नहीं मिले. जबकि कुछ तो न्यूनतम अंक भी नही ला सके थे.
सेटर इंजीनियर के परिजन समेत अन्य के अंक
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पटना मे ही सेटिंग करने वाले जल संसाधन विभाग के तत्कालीन अभियंता सिकंदर यादवेंदु के साले संजीव के पुत्र अनुराग यादव को 350 अंक आये थे. अनुराग के साथ परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी अभिषेक कुमार, आयुष राज और शिवनंदन कुमार भी थे. इसमें सिर्फ आयुष को 600 अंक मिले थे. जांच में एनटीए ने आर्थिक अपराध इकाई को करीब डेढ़ दर्जन संदिग्ध छात्रों के नाम भेजे थे. इनसे इओयू पूछताछ कर चुकी है.
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धनबाद से गिरफ्तार अविनाश को कोर्ट सीबीआइ को सौंपा
नीट पेपर लीक मामले में पटना की एक विशेष अदालत ने धनबाद से गिरफ्तार अविनाश कुमार उर्फ बंटी को 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर सीबीआइ को सौंपे जाने का आदेश दिया है. सीबीआइ ने धनबाद में सोमवार की देर रात अभियुक्त अविनाश कुमार उर्फ बंटी को गिरफ्तार किया था. फिर उसे स्थानीय कोर्ट में पेश कर ट्रांसिट रिमांड पर लिया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को बंदी को अदालत से प्राप्त ट्रांसिट रिमांड के आधार पर पटना लाकर बुधवार को विशेष प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी धनंजय कुमार पांडे के समक्ष पेश किया गया.
30 जुलाई तक सीबीआई करेगी पूछताछ
कोर्ट ने पहले अविनाश कुमार उर्फ बंटी को न्यायिक हिरासत में लिया.उसके बाद सीबीआइ के वकील ने ने एक आवेदन दाखिल कर इस अभियुक्त से हिरासती पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर सौंपे जाने की प्रार्थना की थी.अदालत ने सीबीआइ की प्रार्थना स्वीकार करते हुए अदालत ने इस अभियुक्त को 30 जुलाई 2024 तक के लिए पुलिस रिमांड पर सीबीआइ को सौंपे जाने का आदेश दिया.