NIA RAID: बिहार में एनआइए (NIA) ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है. भर्ती और लेवी वसूली के जरिए नक्सल संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार में बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस कड़ी में एनआइए की टीम ने शुक्रवार को बिहार के दो जिलों कैमूर-रोहतास में सात स्थानों पर तलाशी ली. इस दौरान टीम ने कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेजों के साथ ही गोला-बारूद भी जब्त किया है.
NIA की छापेमारी में क्या कुछ मिला?
शनिवार को एनआइए ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सात जगहों पर हुई तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल डिवाइस मिले. इसके साथ ही कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज, डायरियां और जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये हैं. इन डिवाइस और दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि सीपीआइ (माओवादी) के कार्यकर्ताओं के बारे में और सुराग मिल सके. यह लोग भर्ती और लेवी वसूली के जरिए संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.
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2022 में दो प्रमुख माओवादी नेताओं की गिरफ्तारी से जुड़ा है मामला
एनआइए ने बताया कि यह मामला अप्रैल 2022 में दो प्रमुख भाकपा (माओवादी) नेताओं विजय कुमार आर्य एवं सीसी सदस्य उमेश चौधरी की गिरफ्तारी से जुड़ा है. उस समय आर्या के पास से लेवी रसीदें, प्रतिबंधित आतंकी संगठन के नक्सली पर्चे और डिजिटल डिवाइस जब्त किये गये थे. आर्य और चौधरी के अलावा तीन अन्य आरोपी अनिल यादव उर्फ अनिल व्यास, राजेश कुमार गुप्ता और रूपेश कुमार सिंह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और इस मामले में एनआइए ने उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.
एनआइए बिहार में लगातार कर रही कार्रवाई
गौरतलब है कि NIA ने बुधवार को भी बिहार में कई जगहों पर छापेमारी की थी. इस दौरान एक माओवादी को गिरफ्तार भी किया गया था. कुल नौ ठिकानों पर एनआइए ने छापमारी की थी. बेगूसराय के सात ठिकानों पर और गया जिले में दो जगहों पर एनआइए ने दबिश डाली थी. इस दौरान एक माओवादी बिहारी पासवान को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे.