संवाददाता, पटना.
ऊर्जा सचिव सह पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिलकुल नि:शुल्क लगाया जाता है. पुराने मीटर को बदल कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में उपभोक्ताओं से कोई राशि नहीं ली जाती है. साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर को ऑनलाइन रिचार्ज करने पर कुल तीन प्रतिशत की छूट दी जाती है. वे सोमवार को बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों एवं भारत सरकार के उपक्रम इइएसएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. स्मार्ट प्री पेड मीटर्स को और बेहतर एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के अनुरूप विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में ऊर्जा सचिव ने स्मार्ट प्री पेड मीटर के संबंध में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए चलाये जा रहे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी ली.
उन्होंने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में मीटर रीडिंग एवं बिलिंग का कार्य बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वतः हो जाता है. इससे बिजली बिल में गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं होती. स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को दैनिक ऊर्जा व राशि की कटौती की जानकारी वास्तविक समय में प्रदान करता है, जिससे उपभोक्ता अपने उपयोग की आदतों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. वहीं, रियल टाइम डाटा उपलब्ध होने से बिजली की अधिक खपत को नियंत्रित कर बिजली की बचत की जा सकती है. श्री पाल ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से पूर्व के बकाया राशि को आसान किस्तों मेे जमा करने की सुविधा दी गई है. उपभोक्ता यदि अपने स्मार्ट प्रीपेड मीटर खाते में 2,000 या इससे अधिक राशि बरकरार रखते हैं तो उनको बैंक दर से ज्यादा ब्याज मिलता है.
ऊर्जा सचिव ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर द्वारा नये बिजली कनेक्शन लेने पर किसी प्रकार की सुरक्षित जमा राशि नहीं ली जाती है. इसमें पहले से ली गई सुरक्षित जमा राशि को वापस करने का प्रावधान किया गया है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के उपरांत यदि स्वीकृत लोड से अधिक बिजली की खपत हो जाती है तो उपभोक्ता को छह माह तक किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता है.
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