पटना. यात्रियों की संख्या में कमी आने से पटना एयरपोर्ट से आने जाने वाले विमानों की संख्या कम हो गयी है. सोमवार को पटना एयरपोर्ट से केवल 19 फ्लाइटों ने उड़ान भरी जबकि शेडयूल फ्लाइटों की संख्या सोमवार के लिए 38 थी.
ऐसा नहीं कि केवल सोमवार को ऐसी स्थिति थी बल्कि कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत के साथ ही पिछले 15 दिनों से ऐसी ही स्थिति बनी है. इस दाैरान सोमवार से शुक्रवार तक आने जाने वाले फ्लाइटों की संख्या 19 से 21 के बीच रह रही है जबकि शनिवार और रविवार को पैसेंजर लोड बढ़ने के कारण 30-32 फ्लाइटें आ जा रही हैं.
सोमवार को पटना से जाने वाले हवाई यात्रियों की संख्या 1993 रही. 19 फ्लाइटों ने यहां से उड़ान भरी जिनका औसत अक्युपेंसी (भरी सीटों की संख्या)104 रही जोकि लगभग 58 फीसदी थी.
बीते रविवार को 30 फ्लाइटों से 3411 हवाई यात्रियों ने यात्रा की और औसत अक्यूपेंसी रेट 113 रही जो कि लगभग 63 फीसदी थी. कम अक्यूपेंसी रेट की वजह से एयरलाइंस फ्लाइटों को आपस में मर्ज कर रही हैं ताकि फ्लाइट ऑपरेशन को आर्थिक रुप से नुकसानदेह होने ने बचाया जा सके.
हर दिन बड़ी संख्या में फ्लाइटों के रद्द होने के कारण उनके यात्रियों को रीशेडयूल भी करना पर रहा है जिससे उनकी परेशानी बढ़ गयी है. जिन फ्लाइटों को रद्द करने की पहले सूचना दे दी जा रही है और यात्रियों को रीशिडयूल का विकल्प मिल जा रहा है उन्हें कम परेशानी हो रही है. लेकिन जिन फ्लाइटों को अचानक रद्द किया जा रहा है, उनके यात्रियों को बहुत अधिक परेशानी हो रही है. उन्हें एयरपोर्ट आकर वापस घर जाना पड़ रहा है या रीशेडयूलिंग के लिए घंटो वहां इंतजार करना पड़ रहा है.