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कैंपस : आइआइटी में बदल रहे कोर्स, पुराने बंद, नये हो रहे शुरू

बदलती तकनीक और समय की मांग के अनुसार अब पाठ्यक्रमों में भी बदलाव आ रहा है. समय को समझते हुए बदलाव करने में आइआइटी सबसे आगे है.

-आइआइटी खड़गपुर व भुवनेश्वर ने 24 पंचवर्षीय कोर्स बंद -आइआइटी पटना ने आइआइएम बोधगया के साथ मिल कर बीटेक व मैनेजमेंट में शुरू किया है बीटेक -कई आइआइटीज ने एआइ, इको के साथ आइआइएम से टाइअप करके बीटेक एमबीए कोर्स शुरू किये संवाददाता, पटना बदलती तकनीक और समय की मांग के अनुसार अब पाठ्यक्रमों में भी बदलाव आ रहा है. समय को समझते हुए बदलाव करने में आइआइटी सबसे आगे है. तकनीक की पढ़ाई में क्या एडवांसमेंट होने चाहिए, जो आने वाले समय और रोजगार के लिए जरूरी है, इसे देखते हुए पिछले व इस वर्ष भी कई आइआइटीज ने अपने कोर्स बदल दिये हैं. इनमें कुछ ने पुराने पैटर्न के कोर्स को बंद कर दिया है, तो कुछ ने कई नये कोर्स शुरू कर दिये हैं. कुछ संस्थानों ने पुराने कोर्सेज को मोडिफाइ भी किया है. आइआइटीज में अब नये कोर्सेज स्टूडेंट्स को ऑफर किये जा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआइ पर फोकस किया जा रहा है. इसके साथ ही इको, डाटा साइंस, इंजीनियरिंग फिजिक्स, इसीइ के कोर्सेज शामिल हैं. इसके अलावा कई कोर्सेज ऐसे हैं, जिनमें एडमिशन कम हो रहे हैं और भविष्य में ये आउटडेटेड साबित हो सकते हैं, तो ऐसे कोर्सेज को बंद किया जा रहा है. इनमें सबसे ज्यादा 5 वर्षीय पाठ्यक्रम हैं. वहीं कई संस्थान ऐसे हैं, जिन्होंने आइआइटी और आइआइएम का कॉम्बीनेशन तैयार किया है. बीटेक व एमबीए की डुअल डिग्री कोर्स ऑफर किये जा रहे हैं. ……………………. क्यों बदल रहे कोर्स और पैटर्न एलन के एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि पांच वर्षीय कोर्स क्लोज होने का सबसे बड़ा कारण स्टूडेंट्स का पांच वर्षीय ब्रांचों में रुझान कम होना है, क्योंकि आइआइटी में सबसे पहले ज्यादातर स्टूडेंट्स 4 इयर बीटेक को ही चुनते हैं, ताकि चार साल में अपनी डिग्री कंप्लीट करके या तो विभिन्न क्षेत्रों में प्लेसमेंट में चले जाते हैं या अपने इंटरेस्ट को देखते हुए भविष्य में स्टार्टअप और आगे की पढ़ाई में जाते हैं. ऐसे में पांच साल वाले ब्रांच में उन्हें एक साल और इंतजार करना पड़ता है. आइआइटी पटना का एमबीए के साथ 5 इयर बीटेक की ब्रांच खोलना दर्शाता है कि मैनेजमेंट के बढ़ते हुए स्कोप को देखते हुए बीटेक करने के बाद एक मैनेजमेंट फील्ड में डिग्री करने का रुझान बढ़ता जा रहा है. बहुत बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स बीटेक करने के बाद एमबीए करना चाहते हैं. आइआइटी इसी पैटर्न में अपने करिकुलम को बदलेगा. ……………………. इन संस्थानों में ये ब्रांचेंज बंद एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष जोसा काउंसलिंग की सीट मैट्रिक्स के अनुसार दो बड़े आइआइटी खड़गपुर व भुवनेश्वर ने अपनी 5 वर्षीय ब्रांचों को क्लोज कर दिया. आइआइटी खड़गपुर ने 15 पांचवर्षीय ब्रांचों को क्लोज किया जिनमें कंप्यूटर साइंस, एग्रीकल्चर, बायोटेक, केमिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, इसीइ, मेकेनिकल, मेटलर्जी, माइनिंग इंडस्ट्रियल, ओशन, एरोस्पेस इंजीनियरिंग के 5 वर्षीय ब्रांचेज शामिल हैं. आइआइटी भुवनेश्वर ने भी इस वर्ष 9 पांच वर्षीय ब्रांचेंज को क्लोज कर दिया है, जिसमें कंप्यूटर साइंस, मेटलर्जी, इलेक्ट्रिकल, सिविल, मेकेनिकल आदि शामिल हैं. आइआइटी खड़गपुर ने स्टूडेंट्स को पांच वर्षीय ब्रांचों को क्लोज कर डबल मेजर सब्जेक्ट पढ़ने का विकल्प दे दिया है. ……………………. इन संस्थानों ने ये ब्रांच किये शुरू आहूजा ने बताया कई आइआइटी ऐसे हैं, जहां एआइ, इको, डाटा साइंस, इंजीनियरिंग फिजिक्स, इसीइ में 4 इयर बीटेक प्रारंभ किया है. इनमें आइआइटी बॉम्बे ने इंडस्ट्रियल, मद्रास ने डाटा साइंस , खड़गपुर ने एआइ, गांधीनगर ने सर्किट डिज़ाइन पटना ने इकोनॉमिक्स, आइआइटी, भुवनेश्वर व तिरुपति ने इंजीनियरिंग फिजिक्स, भिलाई व धारवाड़ ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन प्रारंभ किया है. इसके साथ ही आइआइटी पटना ने आइआइएम बोधगया से जुड़कर 5 वर्षीय एमबीए कोर्स के साथ बीटेक में केमिकल, सिविल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इंजीनियरिंग फिजिक्स, मैथ्स एंड कंप्यूटिंग, मेटलर्जी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआइ व डाटा साइंस, मेकेनिकल, इकोनॉमिक्स जैसी ब्रांचों के साथ 5 इयर ब्रांचें शुरू की हैं.

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