19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रभात खबर संवाद: पशुपति पारस बोले- पिता की संपत्ति के वारिस हैं चिराग, मैं हूं राजनीतिक उत्तराधिकारी

प्रभात खबर ने सत्ता सिस्टम में बैठे लोगों, नौकरशाहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद की नयी श्रृंखला शुरू की है. ऐसा संवाद, जो जन सरोकारों के साथ लोगों को जोड़ें. कार्यक्रम का उद्देश्य है कि नियम - नीति बनाने वालों, व्यवस्था को चलाने वालों तक आम लोगों से जुड़ी समस्या व सवाल पहुंचे.

प्रभात खबर संवाद की छठी कड़ी में केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस पहुंचे. प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बड़ी सहजता और बेबाकी से संवाद के क्रम में सवालों का जवाब दिया. केंद्र सरकार की नीतियों, शासन प्रशासन से जुड़े सवालों पर अपनी बात रखी. पार्टी की चुनौतियों को स्वीकार किया और पार्टी की राजनीति व भावी कार्ययोजना पर खुलकर बातचीत की.

केंद्र सरकार पूरी तरह जनता के उम्मीदों पर खरा उतर रही है

रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह बिहार और देश की जनता के उम्मीदों पर खरा उतर रही है. बिहार में मेडिकल-इंजीनियरिंग काॅलेज खुलने से लेकर मुफ्त अनाज और सामाजिक पेंशन योजना में केंद्र सरकार पूरी तरह सहयोग कर रही है. महंगाई पर उन्होंने कहा कि इसके लिए देश और राज्य की बढ़ती आबादी और बेरोजगारी प्रमुख कारण है. उन्हाेंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की. वहीं, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के प्रति समर्थन जाहिर किया. नगरपालिका आरक्षण में अति पिछड़ी जाति को आरक्षण देने को उन्होंने सही करार दिया. गांव-गांव में स्कूल खोले जाने पर पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ भी की.

पारस ने परिवार में उपजे विवाद पर भी अपनी बात रखी

पारस ने परिवार में उपजे विवाद पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की संपत्ति का वारिस हो सकता है, पर राजनीतिक वारिस तो मैं हूं. उन्होंने इसके कारण भी गिनाये. उन्होंने कहा कि 1977 में रामविलास पासवान जब हाजीपुर से सांसद बने, तो उन्होंने अपनी अलौली विधानसभा की सीट मुझे सौंप दी. जब वह 2019 में राज्यसभा का सदस्य बने, तो हाजीपुर की सीट मुझे दी. संयोग यह रहा कि जब उनके बाद केंद्र में मंत्री बनने की बात आयी, तो मुझे ही इसका अवसर मिला.

दिल के साथ-साथ दल भी बिखर चुका है

चिराग के साथ विवाद पर उन्होंने कहा कि न तो वह खुद और न चिराग पासवान, रामविलास पासवान बन सकते हैं. विरासत तो रामविलास जी की थी, जो उनके साथ ही चली गयी. भतीजे सांसद चिराग पासवान से एक बार फिर मेलमिलाप के सवाल पर पारस ने कहा कि दल टूटता है तो मिल सकता है, लेकिन दिल टूट जाने पर नहीं मिलता है. यहां तो दिल के साथ-साथ दल भी बिखर चुका है. पारस ने कहा कि हमने गरीबी देखी है. जेल गये और भूंजा खाया है, तो पांच सितारा होटल भी गये. लेकिन, जिसने न गरीबी देखी और जो चांदी का चम्मच लेकर ही आया, उसे क्या बिहार और देश की राजनीति समझ आयेगी.

2024 में एनडीए 40 सीटें जीतेगा

पारस ने कहा कि एनडीए के अंग हैं और आजीवन इसका ही हिस्सा रहेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए सभी सीटें जीतेगा और हम सब इसके लिए प्रयास करेंगे. रही बात तालमेल में मिलने वाली सीटों की तो भाजपा बड़ी पार्टी है. मेरे दल के पांच सांसद हैं, हमें जो भी मिलेगा स्वीकार होगा. 2025 के विधानसभा चुनाव में भी एनडीए की जीत होगी.

Also Read: प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम के तहत मोबाइल एडिक्शन पर हुई परिचर्चा, बच्चों ने पूछे कई तरह के सवाल
2025 में दलित हो मुख्यमंत्री, यह चाहत

यह पूछे जाने पर कि 2025 में वह चाहेंगे कि बिहार का मुख्यमंत्री कोई दलित नेता बनें, तो पारस ने कहा-वह जरूर चाहेंगे. अब तक तीन दलित नेता भोला पासवान शास्त्री, रामसुंदर दास और जीतनराम मांझी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. 2025 में किसी दलित नेता के सिर पर ताज आये तो खुशी होगी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें