पटना हाईकोर्ट के तीनों जजों की पूर्णपीठ ने शुक्रवार को राज्य सरकार के कर्मियों को एक बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने कर्मियों को सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना (Acp Scheme) पाने के लिए विभागीय लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी नहीं करार दिया. न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार, न्यायमूर्ति नानी तागिया और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की पूर्णपीठ ने एक साथ पांच याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद यह आदेश देते हुए राज्यकर्मियों को बड़ी राहत दी है.
पटना हाईकोर्ट ने क्या दिया फैसला…
कोर्ट ने एसीपी (सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना) पाने के लिए विभागीय लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है या नहीं पर विचार किया. हाइकोर्ट ने एसीपी नियम, 2003, के विशेष रूप से नियम 4(5) के तहत मौद्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए बिहार बोर्ड विविध नियम, 1958 के नियम 157(3)[जे], जिसमें लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रावधान है,इस मुद्दे पर भी विचार किया.
क्या है एसीपी योजना
पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था, जिसके तहत 12साल और 24 साल की नियमित सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को मौद्रिक लाभ प्रदान के लिए यह योजना लागू की गयी थी. यह योजना ऐसे कर्मियों को देनी थी जो पदोन्नति पाने में सक्षम नहीं थे. इसमें वास्तविक पदोन्नति प्रदान किए बिना केवल वित्तीय उन्नयन के अनुदान के लिए कर्मचारियों को उच्च वेतनमान में रखने की परिकल्पना की गयी थी.
विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाधा नहीं आएगी…
कर्मियों को एसीपी, एमएसीपी योजना केवल उनके निराशा को दूर करने के लिए लाया गया है. वास्तव में यह प्रोन्नति वाला पद प्रदान करना शामिल नहीं है ,बल्कि योग्यता और पात्रता मानदंडों को पूरा करने के अधीन अगले उच्च ग्रेड के रूप में केवल मौद्रिक लाभ दिया जाना शामिल है. कोर्ट ने कहा कि एसीपी योजना के लिए किसी भी विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने या किसी भी शैक्षिक योग्यता प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है.