पटना हाइकोर्ट ने पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह का वीडियो वायरल होने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले को लोकहित याचिका के तौर पर स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने इस मामले में समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को सात फरवरी से पहले जांच कर शपथपत्र दायर करने का आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आश्चर्य यह है कि समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने उक्त मामले में एक जांच की है और सिर्फ केयर होम में लगाये गये सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर ही वह इस निष्कर्ष पर पहुंच गये कि पीड़िता द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद और गलत है, जबकि मामले की जांच की गयी तो पता चला कि वहां लगा सीसीटीवी कैमरा खराब है. अगली सुनवाई सोमवार सात फरवरी को होगी.
इसके पहले मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस माॅनीटरिंग कमेटी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा. खंडपीठ के निर्देश पर कमेटी के चेयरमैन जस्टिस आशुतोष कुमार ने खंडपीठ को अपनी रिपोर्ट दी. रिपोर्ट में आये तथ्यों को गंभीर मानते हुए बुधवार को ही यह मामला सूचीबद्ध हुआ. खंडपीठ ने कमेटी की भेजी गयी रिपोर्ट पर सुनवाई की. कोर्ट ने कमेटी द्वारा की गयी अनुसंशाओं को तत्काल लागू करने का आदेश दिया है और इसकी जानकारी अगली सुनवाई में कोर्ट को देने का निर्देश दिया है.
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इस रक्षा गृह में और सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं
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कम-से-कम दो और प्रशिक्षित काउंसेलर की नियुक्ति की जाये
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महिलाओं की संख्या को देखते हुए अन्य केयर होम की जरूरत है, इसका निर्माण कराया जाये
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प्रशिक्षित स्टाफ के साथ ही प्रशिक्षित अधीक्षक की नियुक्ति व बच्चों से संबंधित कानून की जानकारी उपलब्ध करायी जाये