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Patna News : बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने सोलर एयर हीटर पर दो शोध किये प्रस्तुत

बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के मेकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग के चार स्टूडेंट्स ने शोध पत्र प्रस्तुत किये.

संवाददाता, पटना

बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के मेकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग के चार स्टूडेंट्स ने शोध पत्र प्रस्तुत किये. चतुर्थ सेमेस्टर के चार स्टूडेंट्स राजीव गुप्ता, शिवम कुमार, गुलशन कुमार और मोहम्मद अरबाज नफीस ने जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दो शोध पत्र प्रस्तुत किये हैं. इन शोध पत्रों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये नवीनतम अनुसंधान और तकनीकों पर गहन चर्चा की गयी, जिनका उद्देश्य सौर ऊर्जा प्रणालियों के प्रदर्शन में सुधार लाना था. छात्रों ने तकनीकी दृष्टिकोण से सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रभावी उपायों पर प्रकाश डाला, जिससे ऊर्जा के इस महत्वपूर्ण स्रोत के उपयोग को अधिक प्रभावी और दक्ष बनाया जा सके. इन शोधपत्रों में सोलर एयर हीटर की कार्यप्रणाली और उसमें सुधार लाने के लिए इस्तेमाल किये गये आर्टिफिशियल रफ पैटर्न के लाभ पर विस्तृत चर्चा की गयी. सोलर एयर हीटर एक प्रकार का उपकरण है जो सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके हवा को गर्म करता है. यह मुख्य रूप से ग्रीन बिल्डिंग्स, गर्मी प्राप्त करने के लिए, कृषि उत्पादों को सुखाने, खाद्य प्रसंस्करण, सूखने की प्रक्रिया और कपड़ा उद्योग जैसी औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए उपयोगी है.

इस तरह काम करता है आर्टिफिशियली रफंड सोलर एयर हीटर

आर्टिफिशियली रफंड सोलर एयर हीटर में रिब जैसी संरचनाओं का उपयोग किया जाता है, जो हीट ट्रांसफर की प्रक्रिया को बेहतर बनाती है. यह रिब पैटर्न सोलर एयर हीटर की सतह पर हवा के प्रवाह को बेहतर तरीके से मार्गदर्शित करता है, जिससे गर्मी का संचय और प्रसारण तेजी से होता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से हीट ट्रांसफर की क्षमता में सुधार होता है, जिससे सोलर हीटर की कार्यक्षमता बढ़ती है. छात्रों ने इन शोधपत्रों में बेस्ट रिब डिजाइन के रूप में ‘कई V आकार की धारियां और उनमें अंतराल’ की सिफारिश की है, जो हीट ट्रांसफर की क्षमता को अधिकतम करने में सहायक हो सकती है. उनका मानना है कि इस प्रकार के रिब पैटर्न से बेहतर हीट ट्रांसफर होता है और यह सोलर एयर हीटर के प्रदर्शन को बढ़ाता है. दोनों शोध पत्र उच्च स्तरीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होंगे और स्कोपस डेटाबेस में सूचीबद्ध किये जायेंगे, जिससे इन छात्रों के अनुसंधान कार्य को वैश्विक पहचान प्राप्त होगी. इन छात्रों ने अपनी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता से यह साबित किया कि बिहार में भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर छात्र वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं. इन छात्रों के मार्गदर्शक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनिल सिंह यादव ने यांत्रिकी विभाग ने इन शोधपत्रों के प्रस्तुतीकरण में अहम भूमिका निभायी. कॉलेज के प्राचार्य डॉ कुमार सुरेंद्र ने छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक बधाई दी.

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