Congress-RJD: बिहार में ऐसे तो विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपने फायदे को लेकर रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी. इसके बाद से कांग्रेस के शीर्ष नेतृव पर गठबंधन के साथी भी सवाल उठाने लगे हैं. हाल ही में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया. अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी कांग्रेस पर सवाल उठा चुके हैं. लगातार बढ़ रहे दवाब के बीच अब कांग्रेस ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 70 सीटों की मांग की है.
प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू
राजद प्रमुख और कांग्रेस के बयानों को दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. आज लालू यादव भले ही ममता बनर्जी के नेतृत्व का समर्थन कर रहे हों, लेकिन यह वही लालू यादव हैं जिन्होंने इंडिया गठबंधन में राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि आप दूल्हा बनिए हमलोग बाराती बनेंगे. इसलिए उनके ताजा बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं।
लालू भले ही राजनीति में अब उतने सक्रिय नहीं हैं, लेकिन अब भी वो मानसिक तौर पर किसी भी दल पर दबाव बनाने से नहीं चूकते. हाल में ही जिस तरह चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी चारों खाने चित हुए और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बेहतर हुई है उससे लालू को भय है कि कांग्रेस उन पर हावी होगी और विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीट मांगेगी. इसलिए लालू यादव कांग्रेस को राष्ट्रीय नेतृत्व के मुद्दे पर उलझा कर रखना चाहती है.
कैसे रहा था कांग्रेस का प्रदर्शन
लालू यादव बिहार की राजनीति और कांग्रेस की नब्ज पहचानते हैं. इसलिए उन्होंने चुनाव को लेकर अभी ही कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. लालू यादव भलीभांति जानते हैं कि कांग्रेस को नेतृत्व के मुद्दे पर ही फंसाए रखना उनके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि कांग्रेस किसी भी हाल में नेतृत्व के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी.
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपने कड़े तेवर दिखाए हैं. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीटों की मांग कर दी है. कांग्रेस इन दिनों अपने संगठन को भी मजबूत करने में जुटी है, जिससे उनके जमीनी संगठन पर सवाल उठाने का मौका राजद को नहीं मिल सके. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस 70 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी, जिसमें 19 पर जीत मिली थी.
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