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बिहार के ये प्राइवेट ITI होंगे बंद, जांच के लिए बनेगी अफसरों की टीम

श्रम संसाधन विभाग ने बिहार के उन निजी आईटीआई संचालकों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है जो तय मानकों का उल्लंघन कर आईटीआई चला रहे हैं. इसके लिए अधिकारियों की एक टीम गठित होगी जो इन आईटीआई की जांच करेगी

ITI In Bihar: बिहार में बुनियादी सुविधाओं के बिना चल रहे निजी आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा. श्रम संसाधन विभाग ने राज्य में चल रहे निजी आईटीआई की जांच करने का फैसला किया है. विभाग ने उन संचालकों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है जो तय मानकों का उल्लंघन कर आईटीआई चला रहे हैं. राज्य में 1200 से ज्यादा निजी आईटीआई हैं.

अधिकांश आईटीआई में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

विभागीय अधिकारियों के अनुसार पटना समेत राज्य के सभी शहरों में चल रहे अधिकांश निजी आईटीआई में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. अधिकांश में पक्के मकान भी नहीं बने हैं. कुछ ने टीन की झोपड़ी बना ली है तो कुछ में प्रयोगशाला की सुविधा नहीं है. अधिकांश आईटीआई में शिक्षकों की कमी है.

सरकारी आईटीआई में नामांकन के अभाव में छात्र निजी आईटीआई का सहारा लेने को मजबूर हैं, जिसमें उनका न सिर्फ आर्थिक शोषण होता है बल्कि उन्हें समुचित प्रशिक्षण की सुविधा भी नहीं मिल पाती है. ऐसे में छात्र डिग्री तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन सरकारी व गैरसरकारी कंपनियों में काम करने में उन्हें कई व्यावहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुछ को तो नौकरी भी नहीं मिल पाती है.

जांच के लिए बनेगी अधिकारियों की टीम

संचालकों की इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए विभाग ने प्रदेश भर के सभी निजी आईटीआई का निरीक्षण करने का निर्णय लिया है. इसके लिए जल्द ही अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी. एक जिले के अधिकारी को दूसरे जिलों के आईटीआई का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. मुख्यालय में तैनात अधिकारियों की टीम निजी आईटीआई का औचक निरीक्षण भी करेगी. निरीक्षण में जिन आईटीआई में मूलभूत सुविधाओं का अभाव पाया जाएगा, उन सभी की संबद्धता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. इन आईटीआई की मान्यता रद्द करने के लिए विभाग केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजेगा.

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यह है तय मानक

भवन में बिल्डिंग बायलॉज का पालन करना होगा. दो सौ प्रशिक्षुओं के लिए गांवों में कम से कम दो एकड़ और शहरी क्षेत्रों में सवा एकड़ जमीन की जरूरत है. अगर जमीन लीज पर है तो दस साल का लीज रखना होगा. छत कंक्रीट या इंडस्ट्रियल शीट की होनी चाहिए और परिसर में प्रवेश के लिए कम से कम छह गेट होने चाहिए. 25 वर्ग मीटर और कम से कम तीन वर्ग मीटर चौड़े क्लासरूम रखने होंगे.

बिजली की पूरी व्यवस्था और विकल्प के तौर पर जेनरेटर रखना होगा. प्रिंसिपल रूम, रिसेप्शन, प्रशासनिक कक्ष, स्टाफ रूम और काउंसलिंग रूम के साथ ही मल्टीपर्पज रूम, लाइब्रेरी, कैंटीन, पेयजल, प्राथमिक उपचार की सुविधा और खेल का मैदान होना अनिवार्य है. पार्किंग, एटीएम, सीसीटीवी, आग, भूकंप और अन्य आपदाओं से बचाव की व्यवस्था भी रखनी होगी.

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