Property Tax शहरी क्षेत्र के गैरआवासीय (व्यावसायिक) भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स में डेढ़ से तीन गुने की हुई वृद्धि के बाद सवाल-जवाब शुरू हो गया है. नये सिरे से असेसमेंट का चल रहे कार्य के दौरान पहले से जमा हो रहे टैक्स में अचानक तीन गुने तक की वृद्धि के बाद लोग सवाल-जवाब करना शुरू कर दिये हैं. गुरुवार को पूर्व महापौर राकेश कुमार पिंटू ने इसको लेकर सवाल उठाया. कहा कि नगरीय सुविधा शून्य है, लेकिन टैक्स में बिना लोगों की सहमति तीन गुने तक की वृद्धि कर दी गयी है. यह उचित नहीं है.
नये फैसला के अनुसार, व्यावसायिक भवनों का मालिकाना हक रखने वाले लोगों को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 से ही बढ़े दर पर प्रॉपर्टी टैक्स की राशि जमा करना पड़ रहा है. असेसमेंट के बाद नगर निगम एरियर जोड़ पिछले साल का राशि जमा करा रहा है. बता दें कि नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से बीते साल के 25 सितंबर को ही एक अधिसूचना जारी किया गया है. इसमें नगर निगम सहित नगर परिषद और नगर पंचायतों को सख्ती के साथ अधिसूचना का पालन कराने का आदेश दिया गया है.
सबसे ज्यादा तीन गुणा प्रॉपर्टी टैक्स की बढ़ोतरी शहरी क्षेत्र में होटल, बार, हेल्थ क्लब, जिमनेजियम, क्लब, विवाह-हॉल, वाणिज्यिक कार्यालय, वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनियों के कार्यालय, बैंक, निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम पर हुआ है. हालांकि, सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रकृति के स्थल, केंद्र एवं संस्थाएं को प्रॉपर्टी टैक्स देने से पूर्व की तरह ही छूट रहेगा. निजी स्कूल, कोचिंग, कॉलेज एवं छात्रावास के संचालकों को बढ़ोतरी के बाद पहले से दे रहे टैक्स का डेढ़ गुना देना पड़ेगा. उद्योग, कार्यशाला, वेयर हाउस, गोदाम के अलावा राज्य व केंद्र सरकार के वैसे सभी प्रतिष्ठान और उपक्रम जो वाणिज्यिक, व्यवसायिक एवं वित्तीय गतिविधियों में संलग्न है. ऐसे भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स को बढ़ाकर सरकार ने दो गुना कर दिया है
250 वर्गफुट वाले दुकान के टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं
नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाले वैसे भवन, जिसमें महज एक दुकान है और उसका क्षेत्रफल ढाई सौ वर्ग फुट या इससे कम है. तब ऐसे भवनों के मालिक को पहले से जो टैक्स लग रहा था. वहीं, टैक्स आगे भी देना पड़ेगा. उनके टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. इसके अलावा दिव्यांग बच्चों, महिलाओं आदि के लिए शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्था वाले बिल्डिंग एवं सरकारी कार्यालय, जिसका वाणिज्यिक एवं व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाता है. ऐसे भवनों के भी टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.