बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया अलायंस के शीर्ष नेताओं की ऑनलाइन माध्यम से बैठक होने की संभावना है. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को I.N.D.I.A का संयोजक बनाये जाने की घोषणा हो सकती है. हालांकि, ऑनलाइन होने वाली इस मुलाकात को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है और न ही कांग्रेस समेत किसी सहयोगी दल ने इसकी पुष्टि की है. लेकिन, कांग्रेस की ओर से इसका खंडन भी नहीं किया गया है. वहीं राजद और भाजपा की तरफ से सीएम नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाए जाने की चर्चा पर प्रतिक्रिया आई है. राजद सांसद मनोज झा ने कहा है कि संयोजक के पद के लिए नीतीश से बेहतर कोई दूसरा नाम नहीं है. वहीं राजद विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि नीतीश कुमार को संयोजक बनना ही चाहिए. हम तो चाहते हैं कि हर पद बिहार को मिले. लेकिन, ये तो अब शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा.
नीतीश से ज्यादा अनुभवी कोई नहीं, वे बनें संयोजक : मनोज झा
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार से ज्यादा अनुभवी कोई नहीं है. लिहाजा नीतीश कुमार को हम लोग संयोजक बनाना चाहते हैं. जहां तक इंडिया गठबंधन में हुई बातचीत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस बारे में अब कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आयी है. उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच किसी तरह के मतभेद होने की खबरों का पुरजोर खंडन किया. उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों के टारगेट में देर-सबेर सभी आयेंगे.
भाजपा ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की चर्चा पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. में संयोजक बनाया जाए या न बनाया जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. नरेंद्र मोदी के सामने कोई चेहरा नहीं. वहीं बिहार के पूर्व पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी सीएम नीतीश पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन में संयोजक का पद मुंशी जैसा पद है और इसे भी पाने के लिए नीतीश कुमार भाजपा के साथ जाने का डर दिखा कर सौदेबाजी कर रहे हैं.
क्या नीतीश कुमार कांग्रेस और केजरीवाल की दूरी कम कर सकते हैं : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की सारी सम्भावनाएं समाप्त होने पर नीतीश कुमार अब संयोजक-पद के लॉली पॉप से प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार यदि संयोजक बन ही गए तो क्या वे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और माकपा के बीच समझौता करा सकते हैं? क्या वे दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और केजरीवाल के बीच की दूरी पाट सकते हैं?
राष्ट्रीय पार्टी क्षेत्रीय दल के किसी नेता को नहीं स्वीकार करेगी : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस को साझा प्रत्याशी के लिए सहमत कराने के साथ-साथ केरल में कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच तालमेल बनाना क्या नीतीश कुमार के संयोजक बनने से सम्भव हो जाएगा? उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल के किसी नेता को दूसरी क्षेत्रीय पार्टी या राष्ट्रीय पार्टी नहीं स्वीकार करेगी. फिर भी नीतीश कुमार भागते भूत की लंगोटी झपट लेना चाहते हैं.
नीतीश कुमार को पद की लालसा नहीं
हालांकि, नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि उन्हें किसी पद की कोई चाहत नहीं है. हाल ही में दिल्ली में हुई जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा था कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए बल्कि वह गठबंधन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. उन्होंने बीजेपी पर लोगों को गुमराह करने और नई जिम्मेदारी संभालने के बाद रोजगार मुहैया कराने समेत अपने वादे पूरे नहीं करने का भी आरोप लगाया था.
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