Union Budget 2025: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को लेकर अपना पिटारा खोल दिया है. यह शनिवार को 2025-26 के आम बजट में स्पष्ट दिख गया. बिहार की मांगों पर पिछले केंद्रीय बजट के मुकाबले इस बार अधिक मेहरबानी दिखाने की एक वजह इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव भी हैं. बिहार के लिए कई योजनाएं तो आयी हीं, कोसी-मिथिला क्षेत्र को राहत देने का प्रयास भी इस बजट के जरिये किया गया है. बजट के मौके पर प्रभात खबर और बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को संवाद का आयोजन किया गया. बजट पेश होने के बाद बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने बेबाक अपनी बातें रखीं.
समावेशी विकास पर केंद्रित है यह बजट
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश 2025-2026 का यह बजट सबको साथ लेकर चलने और समावेशी विकास पर केंद्रित है. बजट में बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी व मखाना के लिए अलग बोर्ड का गठन, पटना एवं बिहटा एयरपोर्ट के विस्तार के साथ-साथ ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण, मिथिलांचल में पश्चिम कोसी नहर योजना के लिए अलग से बजट देने, बुद्ध से जुड़े पर्यटन स्थलों का विकास, आइआइटी पटना का विस्तार किया जाना स्वागत योग्य है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए लोन गारंटी सीमा को पांच करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किये जाने, स्टार्टअप के लिए 20 करोड़ तक का कर्ज आदि की घोषणा, औद्योगिक विकास को गति देने में सहायक होगा.
उद्यमियों व युवाओं के लिए फायदेमंद
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने कहा कि सभी एमएसएमइ के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 गुणा बढ़ाने व कारोबार सीमा को दोगुना तक बढ़ाने की घोषणा से उद्यमियों के आगे बढ़ने और युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का आत्मविश्वास मिलेगा. निर्यातक एमएसएमइ के लिए 20 करोड़ तक के सावधि कर्ज की सुविधा से एक्सपोर्टर को बढ़ावा मिलेगा. बिहार में चार नये एक्सप्रेस-वे बनाने का ऐलान. बिहार की सड़क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये जारी किये गये.
मरीजों के लिए राहत देने वाला है बजट
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया ने कहा कि रोगियों विशेषकर कैंसर, दुर्लभ बीमारियों व अन्य गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान करने के लिए बजट में 36 जीवनरक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से पूर्ण छूटवाली दवाओं की सूची में जोड़ने का निर्णय स्वागत योग्य है. साथ ही छह जीवनरक्षक दवाओं को भी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है, जिन पर पांच फीसदी का रियायती सीमा शुल्क लगेगा. इन दवाओं के विनिर्माण के लिए थोक दवाओं पर क्रमशः पूर्ण छूट और रियायती शुल्क लागू होने से इस सेक्टर के लोग प्रोत्साहित होंगे.
किसान व मध्यमवर्गीय होंगे लाभान्वित
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव पशुपति नाथ पांडेय ने कहा कि राज्य के उद्यमी व व्यवसायियों को ऐसी आशा थी कि इस बार के बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जायेगी. उस पर बजट में कुछ नहीं कहा गया है. बजटीय घोषणाओं से किसानों, एमएसएमइ व छोटे व मध्यमवर्गीय लोग लाभान्वित होंगे. बजट में बिहार के कोसी नहर इआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान करने से मिथिलांचल क्षेत्र में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करनेवाले किसान लाभान्वित होंगे और आनेवाले समय में उनका जीवन खुशहाल होगा.
एमएसएमइ उद्यमियों को लाभ मिलेगा
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि जाहिर है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को टारगेट करते हुए मोदी सरकार ने बिहार को तोहफों से लाद दिया है. बजट में ऐलान किया गया कि 12 लाख तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. एमएसएमइ लिमिट के टर्न ओवर और निवेश की सीमा को बढ़ा दिया गया है. इससे एमएसएमइ उद्यमियों को लाभ मिलेगा. बजट में सूबे में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का एलान किया, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जायेगा. पटना एयरपोर्ट और ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट बिहटा से यह प्रोजेक्ट अलग होगा. कुल मिलाकर देखा जाये, तो इस बजट को सराहनीय कहा जा सकता है.
श्रमिकों व नियोक्ताओं में निराशा
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स की सुधि रंजन ने कहा कि 2025 का बजट काफी सराहनीय है.आमजनों के लिए आगामी तीन वर्षों मे सरकार द्वारा प्रत्येक जिले मे एक कैंसर अस्पताल की स्थापना अच्छी पहल है. लेकिन इस बजट में श्रमिकों के स्वास्थ्य हितों की उपेक्षा की गयी है. अच्छा होता कि भारत के प्रत्येक जिले में एक कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय या अस्पताल की स्थापना होने का भी प्रावधान बजट मे होना चाहिए था. विगत वर्ष 2024 के बजट में श्रमिकों व नियोक्ताओं के हित में भविष्यनिधि मद में कुछ घोषणाएं की गयी थीं, जिसका अभी तक अनुपालन लंबित है, जिससे श्रमिकों व नियोक्ताओं में निराशा है.
पर्यावरण व मिट्टी संरक्षण के क्षेत्र में कई अपेक्षाएं थीं
बिहार फ्लाइ ऐश ब्रिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव विकास कुमार सिंह ने कहा कि बजट 2025 में उद्योग जगत खास कर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की बेहतरी के लिए कई प्रावधानों का जिक्र है. खासकर सूक्ष्म लघु व मध्यम इकाइयों के लिए कोलैटरल मुक्त ऋण की सुविधा पांच करोड़ से 10 करोड़ करना, 100 करोड़ रुपये तक के ऋण पर ऋण गारंटी योजना लागू करना निःसंदेह स्वागत योग्य कदम माना जाना चाहिए. लेकिन पर्यावरण व मिट्टी संरक्षण के क्षेत्र में सरकार से कई अपेक्षाएं थीं, जैसे कि निर्माण क्षेत्र के सभी सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों के उत्पाद की खरीदारी टीइआरइडीएस के माध्यम से अनिवार्य किया जाना चाहिए था. जो नहीं हो सका.
खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और बाजार में रौनक आयेगी
पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि हालांकि सोना-चांदी के इंडस्ट्रीज के मांग के मुताबिक इंपोर्ट ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की गयी, फिर भी बजट में टैक्स स्लैब की ऐतिहासिक घोषणा से लोगों को बचत होगी. इसका बाजार पर सकारात्मक असर दिखेगा. अभी लोगों की बचत के अभाव से बाजार प्रभावित था. अब लोगों में खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और बाजार में रौनक आयेगी. इस बजट में बिहार को काफी लाभ मिला है. आइआइटी पटना में छात्रावास और अवसंरचना संबंधी क्षमता को बढ़ाने के लिए वित्तीय प्रावधान करने से ज्यादा-से-ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ होगा, यह एक स्वागत योग्य कदम है.
मध्यम वर्ग को समर्पित है केंद्रीय बजट
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व महासचिव महाबीर बिदासरिया ने कहा कि शायद पहली बार मध्यम वर्ग को समर्पित केंद्रीय बजट पेश हुआ है. विकसित भारत के उद्देश्य में आयकर में राहत के साथ कृषि, एमएसएमइ, आधारभूत संरचना, पर्यटन सहित सर्वांगीण विकास में बिहार का विशेष ध्यान दिया गया है. खिलौने और जूता उद्योग को विशेष प्रोत्साहन, पांच लाख महिलाओं अजा और अजजा उद्यमियों के लिए विशेष टर्मलोन स्कीम, स्किल डेवलपमेंट, होम स्टे को उद्योग मानकर मुद्रा लोन की सुविधा, जैसी कुछ योजनाएं एमएसएमइ और स्टार्टअप क्षेत्र के उद्यमियों में नयी ऊर्जा का संचार करेंगी.
सभी क्षेत्रों पर दिया गया ध्यान
डायरेक्ट टैक्सेशन कमेटी के सदस्य आलोक पोद्दार ने कहा कि इस वर्ष का आम बजट बहुत ही संतुलित और सराहनीय है, जिसमें सभी क्षेत्रों पर पूरा-पूरा ध्यान दिया गया है. बिहार के परिप्रेक्ष्य में पिछले वर्ष 2024 में जुलाई में पेश आम बजट में कई वर्षों के बाद ध्यान दिया गया था और इस बार पुनः इस वर्ष के बजट अपने राज्य के लिए सरकार ने काफी कुछ सोचा है जो प्रशंसनीय है. मध्यम वर्ग बहुत ही त्रस्त और कठिनाई महसूस कर रहा था. उसको राहत देते हुए 12 लाख के स्लैब तक की आय वाले करदाताओं को पूर्ण छूट दी गयी है. इसके लिए मोदी सरकार बधाई की पात्र है.
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आम जनता को होगा काफी लाभ
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के जीएसटी सबकमेटी के चेयरमैन सुनील सर्राफा ने कहा कि वित्त मंत्री ने सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए समावेशी विकास का बजट पेश किया है. खासकर बजट में मिडिल क्लास को राहत देते हुए न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स माफ किया गया है. सैलरी क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 75 हजार रुपये ही रखा गया है, इस लिहाज से सैलरी क्लास की 12 लाख 75 हजार रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री होगी. साथ ही आयकर की दर में भी कमी की गयी है, जिससे आम जनता को काफी लाभ होगा. इसके साथ ही नये इनकम टैक्स कोड को भी जल्दी पेश किया जाने की घोषणा की गयी है, जो इनकम टैक्स के सरलीकरण के दिशा में एक अहम कदम साबित होगा.
बिहार को विशेष पैकेज दिया गया
कार्यकारिणी सदस्य अजय गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार स्पेशल स्टेट की मांग कर रहे थे, लेकिन यह मांग बजट से पहले ही खारिज कर दी गयी है, हालांकि बजट में बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए कई बड़ी सौगातें दी गयी हैं. बजट में बिहार को विशेष पैकेज दिया गया है. नया एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज भी बनेगा. विद्युत प्रोजेक्ट के लिए 21400 करोड़ रुपये भी जारी किये गये हैं. बजट मिथिलांचल में वेस्टर्न कोशी कैनाल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया है. इससे यहां के किसानों को फायदा होगा. इससे बाढ़ की त्रासदी को घटाने में भी मदद मिलेगी.
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इनकम टैक्स में राहत जनता को बड़ा गिफ्ट
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के कोषाध्यक्ष सुबोध जैन विशेष रूप से हमारे मध्यम वर्ग के लिए इसे सपनों का बजट कहा जा सकता है. युवा, अन्नदाता और नारी, गरीब, युवा, किसान, महिला पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विकास के उपाय प्रस्तावित किये गये हैं. राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बिहार के कृषि उत्पादों को अलग तरह का बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगा. बिहार के अनाज से यहीं कई तरह के उत्पाद तैयार होंगे और इससे रोजगार की भी बड़ी संभावनाएं सामने आयेंगी. इनकम टैक्स में राहत केंद्र सरकार का जनता को बड़ा गिफ्ट है.
मखाना किसानों को उपलब्ध होगा सीधा बाजार
थोक किराना कारोबारी के वरीय सदस्य राकेश कुमार ने कहा कि मिथिलांचल-कोसी की पहचान मखाना के लिए मखाना बोर्ड का प्रस्ताव रखा. इससे मखाना उत्पादन करने वाले लाखों किसानों को फायदा होगा. अब तक कोसी-मिथिलांचल में मखाना उत्पादन करने वाले किसानों के लिए बाजार का पूरा सिस्टम नहीं है. इस बोर्ड के जरिये मखाना किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध हो सकेगा. बिहार में उत्पादित मखाना देश ही नहीं विदेशों में उपलब्ध हो सकेगा. राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बनाने से भी बिहार को फायदा होगा. इससे उत्पादन के बाद कम मुनाफे के बजाये एक ही फूड क्रॉप के कई उत्पादों को बनाने में सहायता मिलेगी.
12 लाख की आय वालों को कर में मिलेगा लाभ
वरीय सदस्य एकेपी सिन्हा ने कहा कि सूबे में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बनाने के साथ फुटवियर,चमड़ा उद्योग को बढ़ाने का प्रस्ताव इसका एक प्रमाण है. नयी व्यवस्था में 12 लाख की आय वाले करदाता को कर में 80 हजार का लाभ मिलेगा. प्रभावी इनकम टैक्स रेट शून्य प्रतिशत होगी. देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए कोई कदम नहीं उठाये गये हैं.
बिहार के लिए बजट काफी बेहतर
कार्यकारिणी सदस्य आशीष प्रसाद ने कहा कि आम बजट 2025 में विकसित भारत की परिकल्पना के साथ-साथ नये टैक्स कोड के प्रारूप के अनुरूप बनाया गया है. मध्यम वर्ग को कर में राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की आय पर कर में छूट दी गयी है. साथ ही टैक्स दर में भी काफी छूट दी गयी है. बिहार के लिहाज से यह बजट काफी अच्छा रहा. कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी. पिछले चार साल का आइटी रिटर्न एक साथ फाइल कर सकेंगे. वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी गयी है.
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