बिहार में आरक्षण के बढ़ाए गए दायरे को पटना हाईकोर्ट ने पिछले महीने रद्द कर दिया था. जिसके बाद नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई है. सोमवार को चीफ जस्टिस की बेंच ने बिहार सरकार की उस अपील को खारिज किया है जिसमें सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गयी थी. सितंबर महीने में इस मामले की सुनवाई होगी.
बिहार आरक्षण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट ने पिछले महीने अपने एक फैसले के तहत बिहार में आरक्षण के बढ़ाए गए दायरे को रद्द कर दिया था. बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया था. जाति आधारित सर्वे कराने के बाद इसकी रिपोर्ट के आधार पर सूबे में SC-ST, OBC और EBC का आरक्षण दायरा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत दिया था. पटना हाईकोर्ट ने बिहार विधानमंडल द्वारा लाए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाकर इसे रद्द किया था. जिससे बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा था.
हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक से इंकार
बिहार सरकार पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस की बेंच ने फिलहाल बिहार सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गयी थी. बिहार सरकार के वकील की ओर से की गयी अपील को अदालत ने खारिज करते हुए कहा कि अभी इसपर गंभीरता से निर्णय लेने की जरूरत है. इस मामले की सुनवाई सितंबर महीने में होगी.
सितंबर में होगी अगली सुनवाई
बता दें कि पटना हाईकोर्ट में एक संगठन ने बिहार सरकार के फैसले को चुनौती दे दी थी. जिसकी अपील पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार में बढ़े हुए आरक्षण को रद्द किया था. इस फैसले के खिलाफ अब सर्वोच्च न्यायालय तक मामला गया है. बता दें कि पटना हाईकोर्ट के फैसले का असर बिहार में होने वाली बहाली पर भी पड़ा है. वहीं अब सितंबर महीने में इसपर अगली सुनवाई होगी. जिसके बाद ही आगे कुछ निर्णय होगा.