Sushil Modi Death बिहार बीजेपी में सुशील कुमार मोदी नहीं रहे. करीब 6 माह पहले गले में खराश की जांच के दौरान उन्हें कैंसर डिटेक्ट हुआ था. इसकी जानकारी बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को देने के बाद पार्टी के काम में लगे रहे थे. उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपनी बीमारी के बारे में जानकारी नहीं दी थी. लोकसभा चुनाव में प्रचार जोर पकड़ा तो उन्होंने कैंसर के संबंध में सभी को बताया. कैंसर की वजह से सुशील कुमार मोदी की तकलीफ भी अब तक बढ़ गई थी. इस कारण उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को बता दिया कि लोकसभा चुनाव में पार्टिसिपेट नहीं कर सकते.
चारों सदन के सदस्य रहे
करीब 34 साल से राजनीति में सक्रिय रहे सुशील कुमार मोदी राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधानसभा यानि चारों हाउस के सदस्य रह चुके थे. इसके साथ ही सुशील मोदी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी रहे. वे नेता प्रतिपक्ष रहते सत्ताधारी दल को सदन के भीतर और बाहर पुरजोर तरीके से घेरने का काम करते थे.
1990 में जीता था पहला चुनाव
1990 में नेता सुशील मोदी पहली बार पटना सेंट्रल से विधानसभा चुनाव में जीते थे. 2004 में वो भागलपुर सीट से लोकसभा के सदस्य के तौर पर चुने गए. लेकिन, 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद सुशील कुमार मोदी ने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया. दरअसल, बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद सुशील मोदी को बिहार विधान मंडल दल का नेता चुना गया था. इसी कारण उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दिया था. वहीं, 2012 विधान परिषद सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए. इसके बाद सुशील कुमार मोदी को 2018 में राज्यसभा भेजा गया.