तुम हो सब राजन के राजा…,बादशाह दरवेश गुरु गोविंद सिंह…,तही प्रकाश हमारा भयो, पटना शहर विखे भव लयो… पंथ चले तब जगत में, जब तुम करहु सहाइ…,सरीखे शबद कीर्तन से बुधवार को राजधानी गुंजायमान हो उठी. मौका था खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह महाराज के 356वें प्रकाश उत्सव पर निकाले गए नगर कीर्तन का. गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा से पंच प्यारे की अगुवाई में निकली नगर कीर्तन में स्कूली बच्चों ने जहां मार्च पास्ट किया, वहीं पंजाब से आये गतका दलों ने अपना करतब दिखाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
आकर्षक बैंड बाजों से सजे नगर कीर्तन में महिलाओं, युवाओं और बच्चों की टोली शबद कीर्तन करते हुए चल रही थी. वहीं एक पुष्प पंखुड़ियों से सजे रथ पर नगर कीर्तन के बीच में गुरुग्रंथ साहिब की सवारी चल रही थी. गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी के आगे श्रद्धालु सड़कों पर झाड़ू लगाते, पानी छिड़क कर उसकी सफाई करते और पुष्प वर्षा करते हुए चल रहे थे. नगर कीर्तन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया, प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही, महासचिव इंद्रजीत सिंह, कनीय उपाध्यक्ष लखबिंदर सिंह, सचिव हरवंश सिंह, प्रवक्ता सुदीप सिंह, सूरज सिंह नलवा,गुरविंदर सिंह, चरणजीत सिंह समेत अन्य उपस्थित थे. जुलूस गायघाट से आरंभ होकर अशोक राजपथ के मुख्य मार्ग, सिटी कोर्ट, पश्चिम दरवाजा, खाजेकलां, मच्छरहट्टा, चौक होते हुए तख्त श्री हरमंदिर साहिब पहुंचा.
नगर कीर्तन शुरू होने से पहले गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा में बीते दो दिनों से चल रहे गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति ग्रंथी श्याम सिंह की देखरेख में अरदास के साथ हुई. इसके बाद विशेष दीवान सजा,जिसकी शुरुआत रागी कविंदर सिंह ने शबद कीर्तन से की. इसके बाद ज्ञानी सुखदेव सिंह ने कथा सुनायी. जालंधर से आये रागी भाई हरजोत सिंह जख्मी व भाई गुरमीत सिंह शांत भाई अरविंद सिंह ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल कर दिया. शबद कीर्तन के बाद तख्त साहिब के जत्थेदार कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह ने अरदास हुकुमनामा किया. नगर कीर्तन आरंभ होने से पहले कार्यकारी जत्थेदार ने विश्व शांति व भाईचारे के लिए अरदास किया. इसके बाद नगर कीर्तन आरंभ हुआ.
प्रकाश पर्व को लेकर तख्त साहिब में मर्यादा के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के बाद आशा जी बार जवंदीकला के रागी भाई सतनाम सिंह से हुई. इसमें बाद अरदास व हुकूमनामा के साथ आरंभ हुए दीवान में दरबार साहिब अमृतसर से आये रागी भाई सुमेर सिंह ने शबद कीर्तन और कथा ज्ञानी दलजीत सिंह ने की. वहीं दीवान हॉल में सजे विशेष दीवान में भाई हरभजन सिंह, भाई अनहद वाणी नाथ जत्था बरू साहिब, भाई नविंदर सिंह, भाई ज्ञान सिंह, भाई जोगिंदर सिंह,भाई जसबीर सिंह मत्तेवाला, भाई कविंदर सिंह, भाई जगत सिंह ने शबद कीर्तन किया.
प्रकाश उत्सव का मुख्य समारोह तख्त साहिब में आज मनाया जायेगा. इसे लेकर तख्त साहिब में चल रहे अखंड पाठ का सिलसिला लगातार दूसरे दिन भी कायम रहा. प्रकाशोत्सव के मौके पर विशेष दीवान सजेगा. इसमें शबद कीर्तन और कथा प्रवचन होगा. गुरु महाराज के प्रकाश उत्सव में शामिल होने के लिए देशभर से संगत पहुंच रही है. प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्री और विधायक समेत अन्य गुरुवार को आने की संभावना है.
प्रकाशोत्सव को ले गुरुवाणी प्रचार सेवा केंद्र की ओर से प्रकाशित प्रो लाल मोहर उपाध्याय की रची पुस्तक मैं हुं परम पुरख के दासा का विमोचन प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने किया. मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता छोटू तिवारी व संचालन बेबी कुमारी ने की.
बाल लीला मैनी संगत गुरुद्वारा में जन्मोत्सव को लेकर बुधवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ रखा गया. इसका समापन मुख्य समारोह के शुक्रवार को होगा, उसी दिन जन्मोत्सव जत्थेदार संत बाबा कश्मीर सिंह भूरीवाले के देखरेख में मनाया जायेगा. इसकी जानकारी देते हुए बाबा सुखविंदर सिंह सुक्खा व गुरविंदर सिंह ने बताया कि जन्मोत्सव समारोह में विशेष दीवान सजेगा, जिसमें संत महापुरुष भाग लेगे. इसके अलावा शबद कीर्तन व धार्मिक आयोजन होगा.
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अमृत वेला में आशा दीवार
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विशेष दीवान सजेगा
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अमृत छक सिख पंथ की ली जायेगी दीक्षा
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शाम को भी विशेष दीवान सजेगा
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मध्य रात को प्रकाश उत्सव का मुख्य समारोह
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बाल लीला में अखंड पाठ
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गुरुवाणी कीर्तन मुकाबले के बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा