संवाददाता, पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सरकारी स्कूल के शिक्षकों व कर्मियों को अध्ययन-अध्यापन का स्वयं मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है. साथ ही यह भी कहा गया कि इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट शिक्षक डीइओ कार्यालय को सादे कागज पर लिख कर भेजेंगे. जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूल स्तर पर बच्चों का अनुश्रवण व मूल्यांकन नहीं होने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पत्र में कहा गया है कि विद्यालय अवधि में बच्चों व शिक्षकों का मूल्यांकन कार्य का पालन नहीं किया जा रहा है. आदेश के तहत प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, लिपिक प्रत्येक दिन स्वयं द्वारा किये गये कार्य को दो पृष्ठ में प्रतिवेदन तैयार करेंगे. प्रधानाध्यापक का यह दायित्व होगा कि सप्ताह के अंतिम दिन सभी शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और लिपिक के दैनिक प्रतिवेदन की समीक्षा करेंगे. विभागीय पदाधिकारी के स्कूल निरीक्षण में आने पर उन्हें अवलोकन करायेंगे. तैयार पत्र शुद्ध-शुद्ध होना चाहिए. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि नियमित ऐसे लेखन कार्य व दैनिक प्रतिवेदन तैयार करने से आत्मविश्वास में न सिर्फ वृद्धि होगी, बल्कि अभिव्यक्ति में निखार आयेगा. ऐसे लेखन कार्यों से वे शिक्षक शुद्ध-शुद्ध लिखना सीख जायेंगे और बच्चों में भी शुद्ध लिखने की प्रवृत्ति जागृत करेंगे.
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