जिले के 88 प्रतिशत शिक्षक क्लास में बच्चों को नाम से बुलाते हैं
संवाददाता, पटनाजिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों में बेहतर बॉन्डिंग को बिल्डअप करने के लिए क्लास रूम के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर यह निर्देश दिया है कि शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित करना सुनिश्चित किया जाये. बच्चे शिक्षकों का सम्मान करें, उनसे डरें नहीं और खुद को क्लास में अलग नहीं रखें, इसके लिए रोचक ढंग से क्लास में पढ़ाने का निर्देश दिया गया है. क्लास के एक-एक बच्चे को शिक्षक उनके नाम से जानें और क्लास में उनके नाम से ही बुलाने को कहा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कई बार शिक्षक क्लास में बच्चों को रॉल नंबर या उनके टाइटल से बुलाते हैं, इससे बच्चों और शिक्षकों में अपनापन नहीं स्थापित होता है. जब शिक्षक बच्चों को नाम से बुलायेंगे, तो बच्चों को भी यह एहसास होगा कि शिक्षक उन्हें घर के सदस्यों के तरह ही बुला रहे हैं. इस तरह के प्रयास से भी शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित होगी.
जो बच्चे उपस्थित हैं, उन्हीं की बने हाजिरी
ऑनलाइन बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जो बच्चे क्लास में उपस्थित रहें, उन्हीं की हाजिरी पंजी में दर्ज की जाये. इसके साथ ही शिक्षकों को बच्चों को यह सबक अवश्य देने के लिए कहा गया है कि देर से आने पर उपस्थिति दर्ज नहीं की जायेगी. उपस्थिति दर्ज करते समय क्लास मॉनीटर को रख सकते हैं. इसके साथ ही क्लास में पढ़ाने के लिए आने से पहले शिक्षकों को पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया है. शिक्षक अपने साथ विषय से जुड़ी किताब, कॉपी और नवाचार के पन्ने रखेंगे. इसके अलावा ब्लैक बोर्ड पर ऐसा लिखें कि सभी बच्चों को दिखाई पड़े.
राज्य के सरकारी स्कूलों में 90 प्रतिशत शिक्षक बच्चों को नाम से बुलाते हैं
एससीइआरटी की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 90 प्रतिशत शिक्षक बच्चों को क्लास रूम में उनके नाम से बुलाते हैं. 1 लाख 38 हजार केसेज में 90 प्रतिशत शिक्षक क्लास में बच्चों को नाम से बुलाते हुए पाये गये हैं. वहीं करीब 14 हजार केसेज में शिक्षक बच्चों को या तो रॉल नंबर या फिर टाइटल से बुलाते हैं. पटना जिले में 88 प्रतिशत सरकारी स्कूलों के शिक्षक क्लास रूम में बच्चों को नाम से बुलाते हैं. जिले में सबसे बाढ़ में 63 प्रतिशत, मनेर में 65 प्रतिशत, अथमलगोला में 68 प्रतिशत व दानापुर में 70 प्रतिशत शिक्षक क्लास रूम में बच्चों को उनके नाम से बुलाते हैं.B
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