IAS हरजोत कौर द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार सैनिटरी नैपकिन के लिए प्रति वर्ष 300 रुपये देती है. यानि की प्रति माह सरकार द्वारा सैनिटरी नैपकिन के नाम पर 25 रुपये दिए जा रहे हैं. हालांकि तेजस्वी यादव ने अपने इस ट्वीट में आईएएस अधिकारी द्वारा बच्ची को दिए जवाब पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने लिखा कि “कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत बिहार सरकार पहले से 300 रुपये प्रतिवर्ष सैनिटरी नैपकिन के नाम पर दे रही है. वक्त कार्यक्रम में उस बहादुर बच्ची ने 20-30 रुपये प्रतिमाह की माँग रखी थी जबकि सरकार 25 रुपये प्रतिमाह दे रही है. शायद जागरूकता के अभाव में बच्ची और अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं रही होगी”
कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत बिहार सरकार पहले से 300₹ प्रतिवर्ष सैनिटरी नैपकिन के नाम पर दे रही है।वक्त कार्यक्रम में उस बहादुर बच्ची ने 20-30₹ प्रतिमाह की माँग रखी थी जबकि सरकार 25₹ प्रतिमाह दे रही है।शायद जागरूकता के अभाव में बच्ची और अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं रही होगी। https://t.co/LtEoMJu74u pic.twitter.com/lBtiVN1wfM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 29, 2022
दरअसल मंगलवार को पटना में सशक्त बेटियां समृद्ध बिहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में WCDC की एमडी हरजोत कौर बम्हरा पहुंची थी. जहां उनसे सवाल-जवाब सत्र में कमला नेहरू नगर से आयी एक छात्रा ने पूछा कि सरकार स्कूलों में सब कुछ दे रही है, फिर सैनेटरी पैड क्यों नहीं दे सकती. इसपर हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि आज सेनेटरी पैड मांग रही हो कल को जींस पैंट मांगोगी. अंत में फिर परिवार नियोजन के लिए साधन भी मुफ्त में मांग करोगी.
वहीं इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि हमने मामले को तत्काल देखने के लिए कहा है. हम एक-एक चीज को देख रहे हैं. यदि कुछ भी मामला हुआ तो चिंता मत कीजिए एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए काम करती रहती है. कई योजनाएं चलायी जा रही है.
IAS हरजोत कौर बयान पर विवाद उठने के बाद अब बैकफूट पर आ गई हैं. उन्होंने खेद जताते हुए एक माफी नामा जारी किया है. अपने लेटर में उन्होंने लिखा कि अगर मेरे शब्दों के कारण किसी को ठेस पहुंची तो इसके लिए खेद जताती हूं. मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना या नीचा दिखाना नहीं था. बल्कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना था.