प्रतिनिधि, बिहटा : वायु सेना केंद्र, बिहटा स्थित केंद्रीय विद्यालय तेंदुआ के आने की दहशत में पिछले 25 अक्तूबर से बंद पड़ा था. यहां के 1100 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई बाधित थी. बच्चों के भविष्य को देखते हुए करीब 55 दिन बाद स्कूल को दोबारा खोला गया, लेकिन उसी दिन क्षेत्र में फिर तेंदुआ देखा गया. इसके कारण अगले दिन से स्कूल को फिर से बंद कर दिया गया. विद्यालय फिर से बंद हो जाने से बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है. वैसे बच्चे, जिन्हें इस बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देनी है, उनके सामने संकट ज्यादा बड़ा है. स्कूल बंद होने से बच्चे ऑनलाइन क्लास तो कर रहे हैं, लेकिन ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाने के कारण प्री बोर्ड परीक्षा में अधिकतर बच्चों ने काफी औसत प्रदर्शन किया है.
अब जंगली सूअर भी दिखा
तेंदुआ के भय से बंद केंद्रीय विद्यालय के बाहर शुक्रवार को जंगली सूअर भी चहलकदमी करता दिखा. इससे भी स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों में भय कायम हो गया है. गौरतलब है की पूर्व में भी कई मौकों पर वायु सेना केंद्र से कई बार जंगली सूअर बाहर निकल कर आ चुके हैं. इस दौरान जंगली सूअरों के हमले में कई ग्रामीण घायल हो चुके हैं.
विभाग पिंजड़ा लगा कर फंसने का कर रहा इंतजार
तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग का प्रयास अब तक नाकाफी रहा है. विभाग की टीम पिंजरा लगा कर तेंदुआ के स्वतः उसके अंदर आने का इंतजार कर रहा है. पिंजरा लगाये जाने के बाद से तेंदुआ दो बार उसके मुंह के पास जाकर लौट चुका है. वन विभाग की टीम अब तक कोई दूसरी तरकीब अपनाती नहीं दिख रही, जिसके कारण लोगों में असंतोष भी है. जानकारों की मानें, तो करीब 900 एकड़ में फैले वायु सेना केंद्र, बिहटा के अधिकांश भाग में काफी पेड़-पौधे होने के कारण बड़ी संख्या में जंगली जानवर मौजूद हैं. तेंदुआ जानवरों का शिकार कर अपना भोजन बनाता रहा है. लोगों की मानें, तो तेंदुआ द्वारा लगातार हो रहे हमले के कारण ही उससे बचने के लिए जंगली सूअर, नीलगाय अब रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं.
पिंजड़ाें की संख्या बढ़ाने पर वन विभाग कर रहा विचार
डीएफओ, पटना गौरव ओझा से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि हमारी टीम तेंदुआ को पकड़ने में लगी हुई है. तीन दिन पहले वह फिर दिखा था. उसके बाद से उसे नहीं देखा गया है.हम पिंजड़ों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.
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