लाइफ रिपोर्टर @ पटनाउत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित दो दिवसीय शास्त्रीय नृत्य महोत्सव ‘रंगायन’ का समापन हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत असम की जयश्री दास और उनकी टीम द्वारा सत्रिया नृत्य की प्रस्तुति से हुई. प्रस्तुति में सत्रिया ओजा शैली में नंदी श्लोक और कालिया दमन का प्रदर्शन किया गया, जिसमें श्री कृष्ण के बाल कांड को दिखाया गया. विशेष रूप से, वृन्दावन में कालिया नाग के वध को अत्यंत प्रभावी तरीके से मंचित किया गया.
लखनऊ के कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मोहा मन :
लखनऊ के कलाकारों ने भी अपनी कला का जादू बिखेरा. लखनऊ की आकांक्षा श्रीवास्तव और उनकी टीम ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी. इस समूह में डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव के साथ विकास अवस्थी, प्रखर मिश्रा, श्रेया सिंह और आदित्य गुप्ता ने भी भाग लिया. इस प्रदर्शन की शुरुआत शिव वंदना ‘करपुर गौरम करुणावताराम’ से हुई, जिसमें भगवान शिव के विभिन्न रूपों का चित्रण किया गया. इसके बाद, कथक के पारंपरिक रूपों में तीन ताल विलंबित ले में उपज ठाठ, आमद, परण जुड़ी आमद आदि का प्रदर्शन किया गया. फिर, ठुमरी ‘नीर भरन कैसे जाऊं सखी री अब’ की प्रस्तुति हुई, जिसमें राधा -कृष्ण के सुंदर भावों को नृत्य से दर्शाया गया. कार्यक्रम का समापन सरगम प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसमें कथक नृत्य की विविध शैलियों और शुद्ध पक्ष का प्रदर्शन किया गया.ये रहे मौजूद :
कार्यक्रम में उप महापौर रेशमी चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद डॉ इंद्रदीप चंद्रवंशी, फहद सिद्दीकी, कृति आलोक, प्रिया चटर्जी, मनीष महिवाल, मनोज कुमार व अन्य शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है