आशीष झा, पटना. मैथिली सिनेमा देर से ही सही लेकिन अब अपनी गति में आ रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब मैथिली भाषा की दो फिल्में एक सप्ताह के अंदर थियेटर में रिलीज होने जा रही है. 22 मार्च को मिलन जबकि 29 मार्च को राजा सलहेस रिलीज हो रही है. तीसरी फिल्म कवि विद्यापति को भी सेंसर बोर्ड से प्रमाणपत्र मिल चुका है, लेकिन उसके रिलीज होने की तारीख का एलान अब तक नहीं किया गया है. इस हफ्ते एक खास बात और है कि पहली बार किसी अभिनेता को मैथिली फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने दोहराया है. संजीव पुनम मिश्रा की लगातार दो फिल्में थियेटर तक पहुंच रही हैं. ऐसे में अब तक स्टार कलाकार से वंचित रही मैथिली फिल्म इंडस्ट्री को संजीव के रूप में एक स्टार मिलता हुआ दिख रहा है.
यह एक विशुद्ध मनोरंजन करनेवाली फिल्म है
आरएसजे प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित और शशि पाठक द्वारा निर्देशित फ़िल्म मिलन 22 मार्च को बिहार, बंगाल, झारखंड और नेपाल में एक साथ कई सिनेमा घरों में रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म के निर्माता रामसुंदर झा और मनोरमा झा हैं, जबकि फिल्म में संजीव पृनम मिश्रा, मेघा सक्सेना और सागर झा ने मुख्य भूमिका निभाई है. फिल्म मिलन की निर्माता मनोरमा झा कहती हैं कि यह फिल्म विशुद्ध मनोरंजन के लिए है और पूरा पैसा वसूल है. एक वर्ष के अंदर एक के बाद एक मैथिली फिल्म निर्माण के संबंध में मनोरमा झा कहती है कि मैथिली फिल्म बनना एक मुश्किल काम है, लेकिन उससे भी कहीं मुश्किल का फिल्म को थियेटर तक ले जाना है. हमारे इलाके में एक तो थियेटर बहुत कम हैं और जो हैं वो मैथिली सिनेमा के लिए परदे नहीं देते. ऐसे में अच्छी फिल्में बनकर थियेटर का इंतजार करती रह जाती हैं.
मैथिली फिल्म बनाने से मुश्किल उसे रिलीज करना है
मनोरमा कहती हैं कि उनकी पहली फिल्म मैथिली ओटीटी पर रिलीज हुई, लाखों लोगों ने देखा. उसका रिस्पॉन्स काफी बेहतर रहा, लेकिन थियेटर का फील ओटीटी नहीं दे पाता है. इसलिए मिलन को थियेटर में रिलीज करने का फैसला लिया, जिस कारण फिल्म के रिलीज में देरी हुई. मैथिली के बाद मिलन में बतौर हीरो संजीव को दोहराने के सवाल पर मनोरमा झा ने कहा कि संजीव एक होनकार, अनुशासित और समर्पित कलाकार हैं. इसलिए उनके साथ दूसरी बार भी काम करने में कोई दिक्कत नहीं रही. इस फिल्म में मिथिला इलाके से ही तमाम कलाकार हैं. संजीव जहां दरभंगा से हैं, वहीं मेघा पूर्णिया बनैली से हैं. दोनों ने अपने किरदार को बेहतर निभाया है.
हमने एक संपूर्ण फिल्म दर्शकों के सामने रखी है
हिंदी फ़िल्म चिलम चौकी और मैथिली फिल्म मैथिली से अभिनय के क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करानेवाले संजीव पूनम मिश्रा कहते हैं कि यह फिल्म कोरोना से पहले ही रिलीज होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब जाकर थियेटर में आ रही है. संजीव ने कहा कि इस फिल्म में वो सबकुछ है जो एक फिल्म में होनी चाहिए. होली के मौके पर इसका थियेटर में आना बेहतर संयोग है, क्योंकि इसमें होली के गीत को बहुत बेहतर तरीके से फिल्माया गया है. वैसे इसमें एक आइटम सॉन्ग भी है, लेकिन अश्लीलता रत्ती भर नहीं है. आप पूरे परिवार के साथ इस फिल्म को देख सकते हैं.
क्षेत्रीय सिनेमा को लेकर बदलनी होगी सोच
संजीव कहते हैं कि इस फिल्म की सबसे बड़ी बात ये है कि इसकी पूरी शूटिंग बिहार के ऐसी जगहों पर हुई है जो अब तक सिनेमाई परदे पर कम ही दिखा है. ऐसे में यह फिल्म देश भर के फिल्म निर्माताओं को लोकेशन का एक बेहतर विकल्प देगा. संजीव के दावा है कि फिल्म का प्रोमो देखकर ही कई लोगों ने लोकेशन को लेकर उससे जानने की जिज्ञासा प्रकट की है. संजीव कहते हैं कि फिल्में बनेंगी और लोग देखेंगे तो इलाके का विकास होगा. दक्षिण भारत में लोग छोटी-छोटी खुशियां सेलिब्रेट करने के लिए फिल्म देखने थियेटर जाते हैं, लेकिन उत्तर भारत खासकर बिहार में यह संस्कृति नहीं है. इसके कारण यहां सिनेमा का विकास कम हुआ है.
29 को रिलीज होगी राजा सल्हेस
इस सप्ताह दूसरी फिल्म राजा सलहेस रिलीज हो रही है. सीएमजे बैनर तले बनी यह फिल्म 29 मार्च को सिनेमा घरों में लगेगी. अजित आजाद की कहानी पर आधारित इस फिल्म में राजा सल्हेज को एक सुपर हीरो की तरह दिखाया गया है. इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए अजित आजाद ने कहा कि राजा सलहेस की कहानी को विस्तार से इस फिल्म में दिखाया गया है. इस फिल्म के निर्माता चंद्र मोहन झा हैं, जबकि फिल्म को निर्देशित किया है जानेमाने निर्देशक संतोष बादल. फिल्म का संगीत ज्ञानेश्वर दुबे ने दिया है, फिल्म में प्रियरंजन सिन्हा, दिव्या गौतम, पूजा ठाकुर और नवीन चौधरी ने मुख्य किरदार निभाया है.