वरिष्ठ जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि साथियों की राय के आधार पर आगे की रणनीति के बारे में निर्णय लेंगे. बड़ी संघर्ष के बाद हम लोगों ने समता पार्टी का गठन किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने. सत्ता हासिल करने के लिए जिनसे संघर्ष किया अब उन्हीं को फिर से सत्ता सौंपने की तैयारी चल रही है, यह स्वीकार नहीं है. बिहार को खौफनाक मंजर की तरफ हमलोग फिर से जाने नहीं देंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने यह बातें पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में जदयू के समर्पित नेताओं के लिए आयोजित अपनी दो दिवसीय बैठक के दौरान पहले दिन कहीं. इस दौरान प्रमुख नेताओं में जदयू के विधान पार्षद रामेश्वर महतो और पूर्व विधायक रणविजय सिंह मौजूद रहे.
इस बैठक के लिए सिन्हा लाइब्रेरी की गेट पर लगाये गये पोस्टर में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व जॉर्ज फर्नांडीस, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व शरद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा दिख रहे हैं. इस पोस्टर में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा नहीं दिखे.
वहीं रविवार की शाम संवाददाता सम्मेलन में जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा है कि जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को बेहतर बनाने और मजबूती के लिए यह बैठक बुलायी थी. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भी आ जाते तो ठीक रहता. वे नहीं आये इससे पता चलता है कि पार्टी को मजबूत करने की उनकी इच्छा नहीं है. जितेंद्र नाथ ने कहा कि जदयू के चार प्रदेश उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में इस बैठक की कार्यवाही शुरू हुई. इसमें उनके अलावा पूर्व विधायक सह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रणविजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता और सीवान के जदयू के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा शामिल हैं. जदयू नेता सुभाष चंद्रवंशी ने इसका संचालन किया. रविवार के पहले सत्र में 54 लोगों ने अपनी बातें रखीं. विधान पार्षद रामेश्वर महतो सहित जदयू के अन्य नेता मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि इस बैठक में कई प्रदेश महासचिव सहित करीब तीस प्रदेश सचिवों की मौजूदगी रही.
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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रविवार को पत्रकारों के सवाल पर कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलायी गयी बैठक जदयू की आधिकारिक बैठक नहीं है. जदयू की आधिकारिक बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बार-बार दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं ,तो उन्हें यह बताना चाहिए कि इस यात्रा से उनकी कुछ बात बनी या नहीं? ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का सोच का हमलोग सम्मान और उनकी इज्जत करते हैं. पार्टी में आने पर उनको पूरा सम्मान मिला. उनकी निगाह कहीं और है और वे निशान कहीं और लगा रहे हैं. वे कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हो रही है. पार्टी के कार्यकर्ता दशहरा, दीवाली व छठ में सदस्यता अभियान में लगे थे. यह रिकॉर्ड है. उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हो रही है, तो यह बताएं कि पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने कितने सदस्य बनाए ?