मंत्री ने कहा- इधर थे तो सब ठीक था, उधर गये हैं तो ज्ञान की पराकाष्ठा आ गयी है संवाददाता,पटना विधानसभा में स्मार्ट मीटर के सवाल पर विपक्ष ने हंगामा करते हुए सरकार पर इतना दबाव बनाया कि अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को सदन की पहले पाली की कार्यवाही को 20 मिनट के बाद ही स्थगित करनी पड़ी. इसके कारण सदस्य अपने क्षेत्र के सवाल प्रश्नकाल और शून्यकाल में नहीं पूछ सके. सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार की पहली पाली हंगामें की भेंट चढ़ गयी. सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्ष के सदस्यों ने स्मार्ट मीटर को लेकर टोकाटोकी आरंभ कर दी थी. भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा द्वारा का सवाल था कि राज्य के शहरी क्षेत्र में 18 लाख प्रीपेड मीटर लगाये गये हैं. प्रीपेड मीटर का सर्वर फेल हो जाता है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को बिजली खपत का पता नहीं चलता. कंपनी द्वारा लगाये गये प्रीपेड मीटर टेस्टेड नहीं रहते. उन्होंने सरकार से सदन की कमेटी गठित कर राज्य के प्रीपेड मीटरों की जांच कराने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी के दिनों में पंखा व एसी चलने के कारण अधिक बिजली की खपत होती है. ऐसे में बिजली कंपनी पिछले तीन माह के औसत के हिसाब से बिजली चार्ज भेज देती है.क्या जाड़े में बिजली खपत के औसत पर गर्मी में चार्ज लिया जायेगा. जवाब में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अगर कहीं पर इस प्रकार की शिकायत है, तो उसका लिखित दे दें. उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले जब इधर (सत्ता पक्ष) में थे, तो सभी स्मार्ट मीटर ठीक था. जब उधर गये हैं, तो ज्ञान की पराकाष्टा आ गयी है. इस प्रकार के राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं है. मंत्री के जवाब से नाराज विपक्ष के नेता वेल में आकर हंगामा करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष की अपील पर जब सीट पर वापस नहीं लौटे, ते 20 मिनट बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
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