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बेटी के राष्ट्रपति पुरस्कार पाने से फूले नहीं समा रहे दरभंगा के लोग

कमतौल/दरभंगा : केवटी प्रखंड के पिंडारुछ गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक विष्णुमोहन झा व शिक्षिका उषा झा की पुत्री डॉ निरुपमा कुमारी को शनिवार को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को लेकर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया है.

कमतौल/दरभंगा : केवटी प्रखंड के पिंडारुछ गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक विष्णुमोहन झा व शिक्षिका उषा झा की पुत्री डॉ निरुपमा कुमारी को शनिवार को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को लेकर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया है.

निरुपमा झारखंड के रामरूद्र प्लस टू उवि चास, बोकारो में शिक्षिका हैं. इसे लेकर शिक्षिका के मायके में खुशी का माहौल है. माता-पिता सहित परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. शनिवार को पिंडारुछ स्थित आवास पर खुशी का इजहार करते हुए माता उषा झा, पिता विष्णुमोहन झा, चाचा मदन मोहन झा, चाची रेखा झा ने बताया कि बेटी ने गर्व से सिर और ऊंचा कर दिया है.

कहा कि कोरोना के कारण पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं हो सका, इसका मलाल रहेगा. उषा ने बताया कि निरूपमा बचपन से पढ़ने-लिखने में अव्वल रही है. उसके पढ़ने और पढ़ाने के तरीके को झारखंड सरकार द्वारा सराहा गया है. उसे मॉडल के रूप में लागू करने की योजना है. उसे ढ़ेर सारे संस्थानों से पुरस्कार मिल चुका है. जिस दिन से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन होने की जानकारी मिली, खुशी का ठिकाना नहीं है.

परिजनों ने बताया कि उसकी प्रारंभिक शिक्षा मधुबनी के नाहर भगवतीपुर स्थित ननिहाल में नाना डॉ प्रो. वेदनाथ झा, जो आरके कॉलेज में मैथिली के शिक्षक थे, उनकी देखरेख में शुरु हुई. 1995 में कोइलख उवि से दसवीं, जेएन कॉलेज से डिग्री स्तर तक कि पढ़ाई पूरी की. आरआइइ भुवनेश्वर से बीएड, इग्नू से स्नातकोत्तर करने के बाद एलएनएमयू से पीएचडी की डिग्री ली. क्रिएटिव राइटिंग इन हिंदी में इग्नू से गोल्ड मेडल मिला. उर्दू भाषा की भी वह अच्छी जानकार हैं. मिथिला पेंटिंग के साथ कविता लेखन में भी अभिरुचि है.

posted by ashish jha

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