आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजद और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के बीच ऐसा लगता है कि सियासी खिचड़ी पक गई है. इसका संकेत तब मिला जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के घर मकर संक्रांति की अवसर पर आयोजित दही चूड़ा की भोज में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने बड़े पुत्र और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ पहुंचे. इस मौके पर पशुपति कुमार पारस और पूर्व सांसद प्रिंस कुमार ने लाल यादव और तेज प्रताप यादव का गर्म जोशी से स्वागत किया.
समय आने पर पता चल जाएगा: पशुपति पारस
इस दौरान जब लालू प्रसाद से यह पूछा गया कि क्या पशुपति कुमार पारस महागठबंधन के साथ आएंगे इस पर उन्होंने खुलकर तो कुछ नहीं बोला लेकिन केवल हां बोलते हुए आगे बढ़ गए. वहीं पशुपति कुमार पारस ने भी खुलकर कुछ नहीं बोला लेकिन उन्होंने भी संकेत दिया कि समय आने पर पता चल जाएगा.
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BJP को झटका देने की तैयारी में पासवान
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास के निधन के बाद लोजपा दो भागों में बंट गई थी. उस समय लोजपा के लगभग सभी सांसद और विधायक पशुपति के साथ चले गए थे. वहीं मोदी 2.0 में बीजेपी ने भी पशुपति के धड़े को ही असली लोजपा माना और पशुपति को नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शामिल किया. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चिराग को अपने साथ लिया और बिहार की 5 सीटें भी दी. उस समय तो पशुपति कुछ नहीं बोले. लेकिन अब वह खुद को NDA से अलग होकर बीजेपी को झटका देने की तैयारी में हैं. लालू यादव के साथ करीबी दिखाकर वह यह भी संकेत दे रहे हैं कि वह अब महागठबंधन में शामिल होने जा रहे हैं.
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