भागलपुर. पिछले एक सप्ताह में बिजली संकट ने उद्योग-धंधों पर प्रतिकूल असर डाला है. बिजली संकट के कारण 50 फीसदी तक उत्पादन प्रभावित हाेने लगा है. इतना ही नहीं उत्पादन लागत भी दोगुनी बढ़ गयी है. सिल्क सिटी का लूम धीमा होने लगा है. इससे बुनकरों के रोजगार पर संकट दिखने लगा है. औद्योगिक क्षेत्र बरारी में फ्लावर मिल संचालक अजय कुमार आलोक ने बताया कि बिजली नहीं मिलने के कारण उत्पादन पर 50 फीसदी तक असर पड़ा है. इसके बाद भी भरपूर बिजली नहीं मिलने के कारण जेनरेटर चलाने में रोजाना 25 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च हो रहा है. जूस व पानी कारोबारी अनूप शर्मा ने बताया कि बिजली नहीं रहने के कारण डीजल का अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है. डीजल पर रोजाना अतिरिक्त खर्च पांच से छह हजार रुपये हो रहे हैं. औद्योगिक प्रक्षेत्र में 50 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं. बिजली संकट के कारण सबका उत्पादन प्रभावित हो रहा है.
वहीं सुधा डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि डेयरी को रोजाना पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है, जबकि सामान्य दिनों में 18 से 22 घंटे बिजली मिलती थी. यदि ऐसी स्थिति रही तो महीने में जेनरेटर में डीजल की खपत होने से लाखों का नुकसान होगा. मिल्क पार्लर के संचालक मिथिलेश का कहना है कि बिजली संकट के कारण दूध को फ्रीज में स्टोर नहीं कर पाते हैं. वहीं आइसक्रीम पार्लर कारोबारी रंजीत मंडल ने बताया कि बिजली संकट के कारण उनके प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है. फ्रीजर को चलाने के लिए लगातार जेनरेटर चलाना पड़ रहा है.
एक ओर जहां सूत की कीमत बढ़ने से बुनकरों के सिल्क व अन्य कपड़े तैयार करने का काम प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर बिजली संकट ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है. बुनकर बहुल क्षेत्र नाथनगर, चंपानगर, हुसैनाबाद, बड़ी खंजरपुर, सराय आदि में लगातार बिजली संकट से परेशानी हो रही है. बिजली कटौती के कारण बुनकरों का रोजाना लाखों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में बिजली संकट से पेयजल आपूर्ति की समस्या हो गयी है. बुनकर प्रतिनिधि मो इबरार अंसारी ने बताया अभी तो दिन-रात मिला कर 10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. वर्किंग आवर में भी बिजली कटौती की जा रही है. बुनकर बहुल क्षेत्र में रोजाना लाखों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. व्यवसायियों का ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. जेनरेटर से अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है.
बुनकर प्रतिनिधि मो अलीम अंसारी ने बताया बिजली संकट फिर से शुरू हो गया है. ऐसी स्थिति रही तो बुनकरों का कारोबार फिर से ठप पड़ जायेगा. वहीं बुनकर संघर्ष समिति के पदाधिकारी सिकंदर आजम ने बताया बिजली संकट फिर से शुरू हो गया है. बिजली लगातार आती-जाती है. इससे कोई भी काम नहीं हो पाता है. पेयजल की समस्या भी गहराने लगी है. बुनकर प्रतिनिधि अशफाक अंसारी ने बताया कि लगातार दो से तीन घंटे बिजली कटौती की जाती है. इससे पता नहीं चलता है कि कब बिजली मिलेगी तो पावर लूम को चलाया जा सकेगा. इससे कर्मचारियों को बैठाकर रखना पड़ता है. बिजली संकट के कारण पेयजल आपूर्ति की भी समस्या है.