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International Women’s Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रभात खबर ने महिलाओं को साइबर अपराध से कराया रूबरू

International Women's Day : प्रभात खबर का जन आंदोलन’ मुहिम के तहत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में साइबर विशेषज्ञों ने महिलाओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग और फिशिंग जैसे अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी और उन्हें जागरूक किया.

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डिजिटल युग में महिलाओं की ऑनलाइन सुरक्षा एक गंभीर विषय बन गया है. सोशल मीडिया, डिजिटल भुगतान और वर्चुअल स्पेस में महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति के साथ ही साइबर अपराधी भी अधिक सक्रिय हो गये हैं. ‘साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन’ मुहिम के तहत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में साइबर विशेषज्ञों ने महिलाओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग और फिशिंग जैसे अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी और उन्हें जागरूक किया.

प्रभात खबर के दफ्तर में महिलाएं
प्रभात खबर के दफ्तर में महिलाएं

फर्जी कॉल्स व मैसेज पर न करें भरोसा : पूजा कुमारी

साइबर थाने की सब-इंस्पेक्टर पूजा कुमारी ने कहा कि महिला दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन नहीं है, बल्कि उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी अवसर है. उन्होंने कहा कि आपकी जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है. यदि आप साइबर अपराध का शिकार होती हैं, तो तुरंत www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें. उन्होंने बताया कि कई महिलाएं अज्ञात लिंक पर क्लिक कर या फर्जी कॉल्स पर भरोसा कर अपनी निजी जानकारी साझा कर देती हैं, जिससे वे साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाती हैं. ऐसे अपराधों से बचाव के लिए डिजिटल साक्षरता और सतर्कता बेहद जरूरी है.

साइबर सुरक्षा के लिए कानूनी उपाय जरूरी : श्रुति सिंह

एडवोकेट ‘श्रुति सिंह’ ने कहा कि डिजिटल युग में महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि कानून बने हुए हैं, लेकिन इनकी प्रभावी रोकथाम के लिए कड़े कदम और सख्त कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आइटी एक्ट) और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में दिये गये साइबर अपराध से जुड़े प्रावधानों की जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए. सरकार को साइबर अपराध रोकने के लिए कड़े कदम. उठाने होंगे और पुलिस तथा साइबर सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा.

विशेषज्ञों ने दिये ये चार सुझाव

1. सुरक्षित पासवर्ड अपनाएं

– पासवर्ड में बड़े व छोटे अक्षरों के साथ संख्याएं और विशेष चिन्ह को शामिल करें.

– हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड का उपयोग करें.

– पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें.

2. सोशल मीडिया पर बरतें सावधानी

– अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को अपडेट रखें.

– अनजान लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें.

– निजी तस्वीरें और व्यक्तिगत जानकारी केवल भरोसेमंद लोगों के साथ साझा करें.

3. अज्ञात लिंक और फिशिंग से ऐसे बचें

– किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता जांच लें.

– संदिग्ध ई-मेल और मैसेज को अनदेखा करें.

– जैसे ही आपको पता चले कि आप फ्रॉड का शिकार हुई हैं, तुरंत अपने बैंक और वित्तीय संस्थान को सूचित करें.

4.  साइबर सुरक्षा उपाय अपनाएं

– ऑनलाइन शॉपिंग करते समय अपना नंबर शेयर न करें

– बैंकिंग से संबंधित मोबाइल नंबर को गोपनीय रखें

– अपने डिवाइस में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें और उसे नियमित रूप से अपडेट रखें

– बच्चों को अपने बैंकिंग पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से रोकें

– उनके डिवाइस में सुरक्षा सेटिंग्स को अपडेट करें

प्रभात खबर संवाद में महिलाओं की साइबर सुरक्षा पर बेबाक राय

1. मैं विदेश में रहती हूं और अपनी जानकारी कभी किसी को साझा नहीं करती, फिर भी मेरे फोन पर संदिग्ध मैसेज आते रहते हैं. इससे स्पष्ट है कि हमारा डेटा कहीं न कहीं लीक हो रहा है. यदि हम सतर्क नहीं रहेंगे, तो साइबर अपराध का शिकार बन सकते हैं. (प्रिया कुमारी, बिजनेस वीमेन)

2. कॉलेज के समय से ही छात्राओं की समस्याओं को लेकर आवाज उठाती रही हूं. साइबर लॉ की जानकारी सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों में ही नहीं, बल्कि हर कार्यरत महिला तक पहुंचनी चाहिए, ताकि वे खुद को सुरक्षित रख सकें. (सोनी तिवारी, फाउंडर, विहार विजन फाउंडेशन)

3. यूपीआइ ट्रांजैक्शन के दौरान सतर्क रहें. किसी से भी ओटीपी साझा न करें और बिना सोचे-समझे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. पहले जानकारी लें, फिर निर्णय लें, और घर-परिवार में भी साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाएं. (प्रज्ञा कुमारी आर्या, एचआर, अमेरिका)

4.  पहले साइबर ठगी में ट्रांजैक्शन की जानकारी मिल जाती थी, लेकिन अब डिजिटल युग में जानकारी का अभाव एक बड़ी समस्या बन गयी है. अपने बैंक से जुड़े सिम का उपयोग रोजमर्रा की बातचीत के लिए न करें, इससे साइबर फ्रॉड से बचाव संभव है. ( सुनिता कुमारी, बैंक ऑफ इंडिया)

5. एक बार मुझे कॉल आया कि मेरा बेटा गिरफ्तार होने वाला है और उसे बचाने के लिए पैसे देने होंगे. मैंने घबराने के बजाय पहले खुद को शांत किया, बेटे से संपर्क किया और फिर कॉलर को निडर होकर जवाब दिया. यदि मुझे जागरूकता न होती, तो मैं भी साइबर अपराध का शिकार हो सकती थी. (रश्मि कुमारी, ब्यूटीशियन)

6. अगर कोई महिला स्वतंत्रता की बात करती है, तो समझदार लोग उसका सम्मान करते हैं, लेकिन संकीर्ण सोच वाले पुरुष इसे अपने अहंकार पर ले लेते हैं और उन्हें बदनाम करने का प्रयास करते हैं. ऐसे मामलों के लिए सख्त कानून जरूरी है और परिवारों को भी बेटा-बेटी दोनों में विश्वास जगाना होगा. (अर्चना कुमारी, नर्सिंग ट्यूटर)

7. शिक्षित लोग साइबर अपराध और साइबर बुलिंग से अवगत होते हैं, लेकिन जब मैं स्लम क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाती हूं, तो वहां की घटनाएं दिल दहला देती हैं. बिहार पुलिस को स्लम में रहने वाली महिलाओं के लिए साइबर जागरूकता सत्र आयोजित करने चाहिए. (निशा भगत, विटिलिगो,एक्टिविस्ट) 

8. कोरोना के बाद ऑनलाइन क्लासेस के कारण हर बच्चे के पास मोबाइल है. इस दौरान कई बच्चे पैसे वाले गेम और अन्य खतरनाक ऐप्स डाउनलोड कर लेते हैं. साइबर सेल को इस तरह की समस्याओं की रोकथाम के लिए विशेष प्रावधान बनाने चाहिए. ( रुचि चौधरी, उद्यमी) 

9. हममें से कई महिलाएं साइबर फ्रॉड के नियमों को जानती हैं, फिर भी कभी-कभी गलती हो जाती है. मैंने अनजाने में ओटीपी साझा कर दिया, जिससे मेरे खाते से बड़ी राशि कट गयी. बाद में बैंक ने कॉल किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. इसीलिए, हर हाल में सतर्क रहना बेहद जरूरी है. (रीना चौधरी, जदयू प्रदेश सचिव)

10. कई बार कोई ऐप खोलते ही अश्लील तस्वीरें आ जाती हैं, और समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हो रहा है. इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री पर रोक लगनी चाहिए. हर किसी को साइबर सुरक्षा की पूरी जानकारी नहीं होती, इसलिए इसे आमजन तक पहुंचाना बेहद जरूरी है. (ललिता सिंह, गृहिणी) 

11. तकनीक से अब भी कई महिलाएं सहज नहीं हैं. जब मेरे साथ साइबर फ्रॉड हुआ, तो मैंने तुरंत बैंक को जानकारी दी, जिससे अपराधी को समय रहते ट्रैक किया जा सका. डिजिटल ट्रांजैक्शन के दौरान सतर्कता रखना अनिवार्य है. (किरण सिंह, गृहिणी)

12. जैसे डायल 112 पर तत्काल मदद मिलती है, वैसे ही साइबर अपराध से जुड़ी हेल्पलाइन 1930 को भी उतनी ही प्रभावी बनाया जाना चाहिए. हर संस्थान में साइबर क्राइम से बचाव और कानूनी जानकारी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य किए जाने चाहिए. (क्रिसटिना, डिप्लोमा फार्मेसी ऑर्गनाइजेशन)

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