आसामी बांस से तैयार हुआ है भव्य महल
दर्जनों लोगों ने दो माह तक लगातार परिश्रम कर किया है इसे तैयार
पूर्णिया. शहर के सिक्स लेन से सटे कप्तान पाड़ा के एक हाउसिंग सोसाइटी कैम्पस स्थित दुर्गापूजा स्थल आज असीम श्रद्धा और संस्कृति का संगम स्थल है. हर साल यहां पूजा के आयोजन में कुछ न कुछ ऐसा आकर्षण होता है कि आम लोग खींचे चले आते हैं. यातायात सुविधा से संपन्न ट्रैफिक की चिंता के बिना दो पहिया, चार पहिया वाहनों का यहां तांता लगा रहता है. इस बार पूजा में क्या कुछ नया है इसकी उत्सुकता लिए हजारों लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.आसाम के बांस से बंगाल के आर्टिस्टों ने निर्माण किया है माता का भव्य भवन
सम्पूर्ण पूजा भवन की तैयारी की निगरानी कर रहे जय भारत पोद्दार बताते हैं कि माता के लिए इस भव्य महल का थीम पश्चिम बंगाल स्थित गंगा रामपुर के आर्टिस्ट रतन सरकार ने डिजाईन किया. इसे मूर्त रूप देने के लिए भी पश्चिम बंगाल के गंगा रामपुर एवं कोलकाता से आये 40 से 50 मजदूरों ने लगातार दो माह तक अपना योगदान दिया है तब जाकर इसे इतना भव्य रूप प्रदान किया जा सका. महल के निर्माण में लगे लगभग 5 हजार बांस भी आसाम से मंगवाए गये जिनमें ख़ास प्रजाति के मोकला बांस ही व्यवहार में लाये गये हैं. कहीं सम्पूर्ण बांस तो कहीं उसके विभिन्न मोटाइयों वाले फट्ठे तो कहीं कमानीदार पट्टियों के बेहद खूबसूरत इस्तेमाल से बने कलात्मकता पर केंद्रित भवन को देख सभी की आंखों में अचरज के भाव दीखते हैं. इसके ऊपर से आकर्षक बिजली के डेकोरेशन आसपास सहित सम्पूर्ण जिले के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है. यहां की पूजा में आनेवाली लागत लगभग 40 लाख रूपये का अनुमान लगाया जा रहा है जो संभवतः जिले का सबसे ज्यादा बजट वाला पूजा पंडाल कहा जा सकता है.फोटो. 9 पूर्णिया 19- स्थानीय कप्तानपाड़ा स्थित दुर्गा पूजा में बांस से बना पंडाल
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