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केमई गांव में छोटी काली से मिलने आती हैं बड़ी काली

सोनदीप मिलिक पंचायत के केमई गांव में बड़ी काली मंदिर के साथ ही छोटी काली का दरबार सजता है. छोटी काली मंदिर का निर्माण सोनदीप मिलिक पंचायत के पूर्व सरपंच व समाजसेवी राजनाथ सिंह ने अपने निजी कोष से कराया था.

इन्देश्वरी यादव, भवानीपुर सोनदीप मिलिक पंचायत के केमई गांव में बड़ी काली मंदिर के साथ ही छोटी काली का दरबार सजता है. छोटी काली मंदिर का निर्माण सोनदीप मिलिक पंचायत के पूर्व सरपंच व समाजसेवी राजनाथ सिंह ने अपने निजी कोष से कराया था. मंदिर की स्थिति जब जीर्ण-शीर्ण हो गई तो ग्रामीणों के सहयोग से भव्य छोटी काली मंदिर का निर्माण कराया गया. बुजुर्गों ने बताया कि केमई गांव में अवस्थित काली मैया की छोटी बहन इस मंदिर में विराजमान है जिससे इस काली मंदिर को छोटी काली मंदिर के नाम से जाना जाता है . वार्ड संख्या चार में अवस्थित है. समाजसेवी सुबोध चौहान ने बताया कि दीपावली की रात्रि को देवी काली मां की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है और पट खोल दिया जाता है .उसी क्षण से ही श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लग जाती है. छोटी काली मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि जब मूर्ति का विसर्जन का समय होता है तो बड़ी काली मंदिर से बड़ी काली की प्रतिमा यहां लायी जाती है. दोनों बहनों के मिलन के बाद दोनों बहनों को श्रद्धालु नम आंखों से विदा करते हैं. श्रद्धालु जिनकी मन्नत पूरी होती हैं वे छागर की बलि चढ़ाते हैं. खोईंछा के साथ-साथ प्रसाद भी चढ़ाते हैं. इस वर्ष कमेटी के अध्यक्ष रविंद्र प्रताप सिंह, सचिव सुमन कुमार सिंह एवं कोषाध्यक्ष गोपाल सिंह को बनाया गया है. कमेटी के अध्यक्ष रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मेला की तैयारी पूरी कर ली गयी है.

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