Bihar News: पूर्णिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर पंचायत मुसहरी टोला में बीते तीन दिनों में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी थी. इसी बीमारी से ग्रसित परिवार के ही चौथे सदस्य को भागलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है. पिछले दिनों इस रहस्यमय बीमारी से ग्रसित महिला के पेट में गर्भस्थ आठ माह के शिशु की मौत हो चुकी है. इस बीमारी की चपेट में आ रहे मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
एक और मरीज भागलपुर रेफर
कई संक्रमित संदिग्ध लोगों के सैंपल लिए गए हैं और जांच के लिए पुणे के लैब में भेजा गया है. इन मरीजों में वेसिकुलर वायरस के मिलते-जुलते लक्ष्ण पाए गए हैं. हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चलेगा. इधर, वेसिकुलर वायरस का एक और संदिग्ध मरीज मिला है. जिसे पूर्णिया मेडिकल कॉलेज से बेहतर इलाज के लिए भागलपुर के मायागंज अस्पताल भेजा गया.
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हालत बिगड़ी तो भेजा गया भागलपुर
भागलपुर के मायागंज अस्पताल में वेसिकुलर वायरस से संक्रमित एक और संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया है. मरीज को मेडिसिन विभाग के डॉ ओबेद अली की यूनिट में भर्ती किया गया है. 60 वर्षीय मरीज पूर्णिया के बड़हरा कोठी के रहने वाले हैं. दो दिन पहले मरीज को तेज बुखार व सर में दर्द हुआ. बेहोश होने के बाद मरीज को पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भेज दिया गया.
क्या कहते हैं डॉक्टर
मायागंज अस्पताल में डॉ. ओबेद अली ने बताया कि बीमारी का लक्षण चांदीपुरा वेसिकुलर वायरस, इंसेफेलाइटिस या मेनिनजाइटिस से मिल रहा है. मरीज का कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिला है. भर्ती के समय मरीज का ऑक्सीजन लेवल 80 के आसपास था. उसकी हालत को देखते हुए तत्काल ही आईसीयू में भर्ती कर उसे वेंटिलेटर पर रख दिया गया. मरीज की हालत स्थिर होने के बाद सीएसएफ जांच होगी. यह जांच मेनिनजाइटिस या इंसेफेलाइटिस बीमारी का का है. यह बीमारी नहीं निकलती है तो वेसिकुलर वायरस जांच के लिए सैंपल को एनआइवी पुणे भेज दिया जायेगा.
गांव में पसरा है सन्नाटा
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रामपुर पंचायत के बेलवा महादलित टोला में रहस्यमय बीमारी से मौतों से पूरे इलाके में खौफ का माहौल है. गांव में पूरा सन्नाटा छाया हुआ है. गांव में मेडिकल टीम की तैनाती की गयी है. जिन संदिग्ध लोगों के जांच सैंपल लिए गए हैं उनकी सांसे अधिक अटकी हुई हैं. लोग यहां अपने घर से बेवजह बाहर नहीं निकल रहे. पूरे गांव में लॉकडाउन जैसा नजारा दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग का मुख्यालय भी इसपर नजर बनाए हुए है.