बैसा. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रफी ज़ुबैर ने बताया कि बदले मौसम में गैस की समस्या को लोग आमतौर पर हल्के में ले लेते हैं जोकि वास्तव में बहुत खतरनाक हो सकता है. अगर आपके पेट में भारीपन होता है या फिर बार-बार खट्टी डकारें आना, बेचैनी होना, जी मिचलना, दिल की धड़कन तेज हो जाना, पेट में दर्द होना, पेशाब में जलन होना या पेशाब का रुक रुक कर आना यह सब भी एसिडिटी के लक्षण हैं. इसका मतलब है कि आपको इलाज की सख्त जरूरत है. इसलिए जितना हो सके अपने खानपान पर ज्यादा ध्यान दें. हल्का और सुपाच्य खाना खाएं, जो जल्दी पच जाए. जितना हो सके जंक फूड को नजरअंदाज करें. उन्होंने बताया कि 14 से 21 दिनों की विशेष दवा से इस पर काबू पाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अक्सर यह देखा जाता है कि लोग गैस बनने या कलेजा जलने के समय तुरंत कोई गैस वाली दवा खा लेते हैं. यह खतरनाक हो सकता है. गैस का सही इलाज और सही भोजन ही मरीजों को निरोग बना सकता है. फोटो -20 पूर्णिया 21-प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रफी ज़ुबैर.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है