– अमौर में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आशा का प्रशिक्षण प्रतिनिधि अमौर. अमौर रेफरल अस्पताल में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैसिलिटेटरो को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एहतमामुल हक ने बताया कि फाइलेरिया का संक्रमण अकसर बचपन में होता है और हाथीपांव जैसी स्थिति बनने में लगभग आठ से 15 साल का समय लग सकता है. यदि एक बार हाथीपांव वाला फाइलेरिया हो गया तो उसका कोई इलाज संभव नहीं है. लेकिन इससे बचाव बहुत ही आसान है. इसके लिए वर्ष में सिर्फ एक बार सरकार द्वारा खिलायी जाने वाली फाइलेरियारोधी सभी दवाएं स्वास्थ्य कर्मचारी के सामने सबको खानी है. यहां तक की स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भी ये दवायें खानी हैं. प्रशिक्षण में जिला एमआई रविनंदन प्रसाद सिंह ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया की रोकथाम व निर्मूलन को लेकर घर-घर फाइलेरिया की दवा खिलानी है. सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान प्रखंड में 19 अक्टूबर से शुरू हो गया है. एल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खिलायी जाएगी. बीसीएम मुकेश कुमार ने बताया कि दो वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों को दवा खिलानी है. वीबीडीएस जूही ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को यह दवा नहीं दी जायेगी. साथ ही यह दवाखाली पेट में नहीं देनी है. फोटो. 19 पूर्णिया 17- प्रशिक्षण में मौजूद आशा कार्यकर्ता.
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