21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Purnia news : पूर्णिया जिले के जलालगढ़ से किशनगंज रेल परियोजना पर लग गया ग्रहण

Purnia news : परियोजना के लिए आवंटित राशि का ट्रांसफर असम की योजना में कर दिया गया और आधी रकम रेल मंत्रालय को वापस कर दी गयी.

Purnia news : सरकार चाहे किसी की हो, पर यह बात साफ हो गयी है कि रेल मंत्रालय पूर्णिया के रेल विकास के मामले में हमेशा से उदासीन रहा है. यही वजह है कि जिले के गांवों को जोड़ने के लिए बनायी गयी जलालगढ़-किशनगंज रेल परियोजना पर ग्रहण लग गया है. उपेक्षा का आलम यह है कि इस परियोजना के लिए आवंटित राशि का ट्रांसफर असम की योजना में कर दिया गया और आधी रकम रेल मंत्रालय को वापस कर दी गयी. इसका खुलासा पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (निर्माण) के जरिये आरटीआइ से हुआ है. रेल मंत्रालय की इस उपेक्षा से पूर्णियावासी हैरान हैं.

2008-09 में दी गयी थी स्वीकृति

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मो तस्लीमुद्दीन के प्रयास के बाद वित्तीय वर्ष 2008- 09 में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्रित्वकाल में जलालगढ़ – किशनगंज नयी रेल लाइन को स्वीकृति दी गयी और इसका उसी दौरान शिलान्यास भी किया गया था. उपलब्ध जानकारी के अनुसार करीब 360 करोड़ रुपये की लागत से बननेवाली इस रेल परियोजना के लिए नौ साल बाद वर्ष 2017-18 में 100 करोड़ रुपये का आवंटन मिला था, ताकि इसका काम शुरू किया जा सके. रेल सूत्रों का कहना है कि आरंभिक दौर में सर्वे का काम शुरू किया गया, पर धीरे-धीरे इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. वैसे, इस बीच स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न संगठन ने रेल मंत्रालय से इस योजना को धरातल पर लाने की मांग निरंतर करते रहे. पर, बोर्ड की अनुमति न मिलने का बहाना बना कर रेलवे पल्ला झाड़ता रहा.

पिछड़े इलाकों को रेल से जोड़ने का था उद्देश्य

दरअसल, यह रेल परियोजना जिले के गांवों को जोड़ कर बड़ी ग्रामीण आबादी को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दृष्टि से महत्वाकांक्षी मानी जा रही थी. करीब 50.8 किलोमीटर लंबी जलालगढ़-किशनगंज नयी रेल लाइन परियोजना में आठ स्टेशन क्रमश: खाताहाट, पोरा हाल्ट, तस्लीमनगर, रौटा, मझोक हाल्ट, मझगांव, कुट्टीहाट, महनगांव का निर्माण होना था. इसके पीछे सोच यह थी कि पूर्वी पूर्णिया, दक्षिणी अररिया और पश्चिमी किशनगंज के कई पिछड़े इलाकों का भी विकास इससे संभव हो पाएगा, जो बाढ़ और कटाव से त्रस्त रहते हैं. इस मामले में रेल मंत्रालय को उदासीन देख कसबा निवासी समाजसेवी राजेंद्र प्रसाद मोदी ने आरटीआइ के जरिये जब रेलवे से सूचना मांगी, तो यह जानकारी मिली, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है.

आरटीआइ में आये जवाब से हैरान हुए लोग

आरटीआइ के जवाब में पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (निर्माण) के मालीगांव स्थित जीएम कार्यालय से बताया गया है कि जलालगढ़-किशनगंज नयी रेल लाइन निर्माण के लिए पिंकबुक में आवंटित सौ करोड़ में से 50 करोड़ की राशि असम की नयी रेल लाइन परियोजना न्यू मायानगुरी – जोगीघोपा में स्थानांतरित कर दी गयी और शेष बची 50 करोड़ रुपये की राशि मंत्रालय को वापस कर दी गयी. इस सूचना से लोग हैरान रह गये, क्योंकि वर्ष 2017 में अगस्त महीने में आयी बाढ़ से तेलता और सुधानी के बीच ब्रिज के बह जाने से पूर्वोत्तर क्षेत्र का संपर्क शेष भारत से एक माह के लिए कट गया था, जिसे सेना की मदद से पुनर्बहाल किया गया. इस घटना को देखते हुए इस रेल लाइन का बनना बहुत जरूरी माना जा रहा था.

पूर्णिया को मिल सकती थी सीधी रेल कनेक्टिविटी

जलालगढ़-किशनगंज रेल परियोजना से पूर्णिया को किशनगंज से न केवल सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल सकती थी, बल्कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी चिकन नेक को एक महत्वपूर्ण मार्ग उपलब्ध होने वाला था. इस रेल लाइन के निर्माण से पूर्णिया जंक्शन एनजेपी कटिहार मेन लाइन से सीधा कनेक्ट हो जाता और गुवाहाटी से आनेवाली गाड़ियां किशनगंज के बाद जलालगढ़, कसबा, पूर्णिया जंक्शन होते हुए कटिहार की ओर निकल सकती थीं. इससे पूर्णिया को रेल कनेक्टिविटी के मामले में एक नयी ऊंचाई मिलती, लेकिन किसी कारणवश इस फंड का डायवर्ट कर जाना इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल गया है.

पूर्णिया की लंबित मांगें व योजनाएं

कटिहार-पटना इंटरसिटी का परिचालन सीमांचल एक्सप्रेस के जलालगढ़ में ठहराव, जोगबनी रेल मार्ग को गया से जोड़ने की मांग, पूर्णिया जिले में एकीकृत रैक प्वाइंट पूर्णिया जंक्शन पर सुविधा विस्तार की मांग, पूर्णिया जंक्शन पर वातानुकूलित उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय, पूर्णिया जंक्शन पर वीआईपी लाउंज का निर्माण, दालकोला से पूर्णिया के बीच रेल परिचालन, पूर्णिया से सीधा किशनगंज के लिए ट्रेन सेवा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें