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एक माह बाद न तो बरामद हुए गहने न ही हुई गिरफ्तारी

तनिष्क ज्वेलरी लूटकांड

तनिष्क ज्वेलरी लूटकांड : एक माह बाद भी लूटे गये गहने न तो बरामद हुए और न ही संलिप्त बदमाशों की गिरफ्तारी – लूटकांड के सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद ठंडे बस्ते में पड़ा मामला पूर्णिया. बीते 26 जुलाई को तनिष्क ज्वेलरी शॉप में छह अपराधियों ने हथियार के बल पर 3.70 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे एवं सोने के गहने लूट लिये थे. इस घटना के बाद लूटकांड के कुल सात सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. लेकिन लूटकाड में संलिप्त कुल छह अपराधियों की अब तक न तो गिरफ्तारी हुई है और न ही लूटे गये गहनों की बरामदगी हुई. संलिप्त अपराधियों का पीछा करते हुए पुलिस की टीम पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अंतर्गत कलियाचक पहुंची. जहां सीसीटीवी फुटेज की मदद से सनिउल शेख की गिरफ्तारी हुई. सनिउल शेख ने तनिष्क लूटकांड के संलिप्त अपराधियों के कलियाचक पहुंचने की बात बतायी. उसने यह भी बताया कि छह अपराधियों में चुनमुन झा नाम का युवक वहां पहुंचने से पहले उससे फोन पर संपर्क किया था. चुनमुन झा समेत 6 लोग उसके घर पहुंचे थे और रात वहीं बिताये. अगले सुबह सभी 6 अपराधी घटना में प्रयुक्त अपनी बाइक बेच कर बस पकड़ रायगंज चले गये थे. सनिउल शेख की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि घटना में शामिल सभी 6 अपराधियों में चुनमुन झा भी शामिल था. सनिउल शेख के अनुसार वह चुनमुन झा के अलावा अन्य पांच अपराधियों को नहीं जानता था. ऐसे में पुलिस जब तक चुनमुन झा को गिरफ्तार नहीं कर लेती, तब तक अन्य अपराधियों का पता नहीं चलेगा. सनिउल शेख के जानकारी के बाद यह स्पष्ट नहीं हो सका कि आखिर कलियाचक से सभी अपराधी कहां गये और लूटे गये सामानों को किसके हवाले किया. ऐसा इसलिए कि सनिउल शेख ने पुलिस को जानकारी दी थी कि जब अपराधियों के पैसे खत्म हो गये थे तो उन्हें पे फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 40 हजार रुपये भेजे गये थे. लूटकांड के सरगना की हुई पहचान तनिष्क ज्वेलरी शॉप में हुए लूटकांड के गिरोह की पहचान पूर्णिया पुलिस की एसटीएफ के टीम ने जल्द ही कर ली थी. तब एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने खुलासा किया था कि पटना के बेउर जेल में बंद सोना लूट सरगना सुबोध सिंह ने तनिष्क लूट कांड को अपने गुर्गों की मदद से अंजाम दिलाया था. लूटकांड में सरसी का कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह ने सहयोग किया था. पुलिस ने गिरोह की पहचान तो कर ली लेकिन अब तक लूटे गये गहनों की बरामदगी नहीं हो सकी है. वर्तमान में सुबोध सिंह पश्चिम बंगाल पुलिस के रिमांड पर बेउर जेल से बाहर है. फिलहाल अब तक उसे पूर्णिया पुलिस द्वारा रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की योजना नहीं बनायी है. ऐसे में इस बडे लूटकांड का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया प्रतीत हो रहा है. इस लूटकांड के सहयोगी शहर के लाइन बाजार स्थित पोस्टमार्टम रोड से गिरफ्तार राहुल श्रीवास्तव को पुलिस द्वारा 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया था. पूछताछ की अवधि समाप्ति के बाद पुलिस द्वारा बताया गया कि राहुल श्रीवास्तव से लूटकांड के मामले में ऐसी कोई जानकारी नहीं मिल पायी जिससे संलिप्त अपराधियों को दबोचा जा सकता. अब बड़ा सवाल यह है कि लूटकांड में संलिप्त 6 अपराधियों में पुलिस ने सिर्फ चुनमुन झा की पहचान की है, जो अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. जब तक चुनमुन झा की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक लूटकांड में शामिल अन्य पांच अपराधी पकड़े नहीं जायेंगे. प्रिंस को लिया जायेगा रिमांड पर सहायक खजांची थानाध्यक्ष सह तनिष्क लूटकांड के अनुसंधानकर्ता शशि कुमार भगत ने बताया कि पटना के बेउर जेल में बंद चंदन कुमार उर्फ प्रिंस को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए न्यायालय में प्रे किया गया है. प्रिंस लूट कांड का अभियुक्त है वह सोना लूट सरगना सुबोध सिंह के निर्देश पर पूर्णिया में हुए तनिष्क लूटकांड में अपराधियों को जेल से अपने गुर्गे कुंदन कुमार के द्वारा सहयोग कर रहा था. घटना में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी होनी बाकी एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया है कि तनिष्क लूट कांड के घटना में शामिल सभी छह अपरोधियों की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है. इस कांड का लगभग उद्भेदन कर लिया गया है. केवल अपराधियों की गिरफ्तारी और लूटे गये आभूषण की बरामदगी शेष रह गयी है. इसके लिए पुलिस और एसटीएफ के टीम लगातार प्रयास कर रहे हैं. फोटो. 25 पूर्णिया 1- तनिष्क लूटकांड के बाद शोरूम के बाहर का दृश्य

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