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Purnia news : पूर्णिया से हवाई सेवा में कई तकनीकी पेच, सुलझाये बगैर पूरा नहीं होगा सपना

Purnia news : एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में अधिग्रहित भूखंड के हैंडओवर के लिए तैयार नहीं है.

Purnia news : पब्लिक डिमांड और राजनीतिक घेराबंदी के बावजूद पूर्णिया से हवाई सेवा की शुरुआत सहज नहीं. इसे चालू किये जाने में अभी भी कई तकनीकी पेच हैं, जिन्हें सुलझाये बगैर पूर्णियावासियों का यह सपना पूरा नहीं हो सकता. आलम यह है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में अधिग्रहित भूखंड के हैंडओवर के लिए तैयार नहीं है. वह शेष भूखंड के साथ ही हैंडओवर की जिद पर अड़ा है, जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया में अभी देर है. मौजूदा स्थिति यह है कि शेष 15 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण होगा और दोनों का म्यूटेशन होगा, तब हैंडओवर के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी आगे आयेगा. यही वजह है कि हवाई सेवा का सपना तकनीकी पेचदगियों में फिलहाल उलझ कर रह गया है.

52.18 एकड़ जमीन दो वर्ष पूर्व ही उपलब्ध करा दी गयी

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित 52.18 एकड़ जमीन सिविल विमान निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, बिहार सरकार, पटना को दो वर्ष पूर्व ही उपलब्ध करा दी गयी है, पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि 52.18 एकड़ जमीन तब तक नहीं ली जाएगी, जब तक कि अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन अधिग्रहित न हो जाए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपने के लिए तैयार न हो जाये.आरटीआइ के जरिये मिली इस जानकारी से एयरपोर्ट आंदोलन से जुड़े लोग हतप्रभ हैं. उनका मानना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी को तत्काल उक्त जमीन काे हैंडओवर लेकर काम शुरू करना चाहिए.

रचनात्मक भूमिका में आगे है जिला प्रशासन

जानकारों की मानें, तो आधारभूत संरचना के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. अधिग्रहित एवं अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि का अक्षांश और देशांतर पूर्णिया जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है. पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन में सिविल एन्क्लेव के परिचालन को लेकर अधिग्रहित एवं अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि से एनएच-31 से एनएच-107 निर्माणाधीन फोरलेन बाइपास होते हुए फोरलेन सड़क कनेक्टिविटी आधारित कार्य प्रगति पर है. पूर्णिया के इंडियन एयरफोर्स स्टेशन परिसर में 1100 फीट रनवे अपग्रेडेड स्थिति में उपलब्ध है. एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया अभियान से जुड़े शहर के नागरिकों का कहना है कि पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए बिहार सरकार एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग 05 जून 2023 को हस्ताक्षरित हो चुका है और इसके बावजूद इसकी उपेक्षा अनुचित है.

फिर उठी पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग

पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग एक बार फिर उठने लगी है और इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता फिर सक्रिय होने लगे हैं. अभी हाल ही में सांसद पप्पू यादव ने भी पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री एवं केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री से मुलाकात कर पूर्णिया में शीघ्र एयरपोर्ट निर्माण का अनुरोध किया है. इससे पहले भी संसद में पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग उठी थी. पिछले साल इस मांग को लेकर पूर्णिया का डाॅक्टर, व्यवसायी, वकील, शिक्षक, प्रोफेसर समेत हर तबका सड़क पर उतर आया था.क्रमवार रूप से पूरे साल अलग-अलग आंदोलनात्मक गतिविधियों के जरिये पूर्णिया से शीघ्र हवाई सेवा शुरू किए जाने के लिए आवाज बुलंद की गयी थी. मगर, निराशा मिलने पर एक बार फिर लोग सड़क पर आने का मन बना रहे हैं.

पूर्णिया के साथ नाइंसाफी या फिर साजिश

एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया अभियान को पिछले कई सालों से रफ्तार देनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव सवाल उठा रहे हैं कि एयरपोर्ट मामले में यह उदासीनता पूर्णिया के साथ नाइंसाफी या फिर कोई साजिश है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से प्राप्त एक आरटीआइ के जवाब का हवाला देते हुए विजय श्रीवास्तव कहते हैं कि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए बिहार सरकार ने 52.65 एकड़ एवं 23.75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया. अधिग्रहित 23.75 एकड़ जमीन बिहार सरकार द्वारा एएआइ को 14 नवंबर, 2022 को हैंडओवर हुआ. उसका म्यूटेशन एएआइ के पक्ष में 10 जनवरी, 2023 को हो गया. अधिग्रहित 52.65 एकड़ जमीन एएआइ को 01मार्च 23 को बिहार सरकार द्वारा हैंडओवर हुआ. उसका म्यूटेशन एएआइ के पक्ष में 06 अप्रैल, 2023 को हो गया. उनका सवाल है कि जब दरभंगा एयरपोर्ट के लिए दो चरणों में जमीन का हैंडओवर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लिया गया, तो पूर्णिया एयरपोर्ट के मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जिद का आखिर औचित्य क्या है.

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