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दो दिवसीय राखी महोत्सव में पांच हजार से ज्यादा राखियां बिकी

जूट और बनाना नेचुरल फाइबर से बनी राखियों ने सबका मन मोहा

जूट और बनाना नेचुरल फाइबर से बनी राखियों ने सबका मन मोहा

पूर्णिया. प्रकृति प्रदत्त संसाधनों की मदद से हस्त शिल्प द्वारा उसे कलात्मक रूप देकर अर्थोपार्जन करने का बेहतरीन मौक़ा पूर्णिया की महिला समूह ने इस राखी जैसे त्यौहार में अपने लिए तैयार किया. शिल्प एवं संस्कृति जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिए इस विद्या में महारत हासिल कर चुकी शहर की महिला कारीगर के अथक प्रयास और मेहनत से दो दिवसीय राखी महोत्सव का आयोजन संपन्न हुआ. आयोजन जिले के उफरैल में स्थित भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के अधीन स्फूर्ति परियोजना के तहत जूट एवम बनाना नेचुरल फाइबर क्लस्टर की महिला कारीगरों ने मिलकर किया था. जिसमें स्थानीय कलाकारों और कारीगरों ने जुट से बनी हस्तशिल्प की अद्भुत कलाकृतियां प्रदर्शित कीं. महोत्सव में पारंपरिक राखियों की विविधता देखने को मिली. इस अवसर पर स्थानीय महिला कारीगरों की सहभागिता और उत्साह को बढ़ावा मिला. इस साल के महोत्सव में कार्यक्रमों, जागरूकता सत्रों, और विविध गतिविधियों के माध्यम से प्लास्टिक और अन्य प्रदूषणकारी सामग्री के उपयोग को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश दिए गए. महोत्सव में भाग लेने वाले सभी लोगों ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास किया और प्रदूषण रहित राखी प्रयोग में लाने का संकल्प लिया. इस महोत्सव में 5000 से ज्यादा राखियां बिकी कई संगठनों ने देश की सेवा में लगे सेना के जवानों को भेजने के लिए थोक में राखियां खरीदी तो वही दूसरी ओर पटना और दिल्ली की महिला संगठनों ने इस बार तीन हजार से ज्यादा राखियां यहां से खरीद कर भिजवाई. सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि क्लस्टर की महिलाओं ने स्वयं घर घर जाकर दो सौ से ज्यादा राखियां बेची. साथ ही पूर्णिया क्राफ्ट को बढ़ावा देने की अपील भी की. दो दिवसीय इस महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. सवेरा संस्था के अध्यक्ष विनोद आशीष ने बताया कि ऐसे महोत्सव के आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखा, बल्कि अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया. पूर्णिया आर्ट एवं क्राफ्ट को जन जन तक पहुंचाने के लिए दिन रात एक कर देने वाले कलाकार किशोर कुमार राय गुलू दा ने कहा कि इस आयोजन से हमने अपने समाज अपने पूर्णिया वासी से अनुरोध किया है कि अपनी संस्कृति और अपने पूर्णिया आर्ट और क्राफ्ट को आगे बढ़ाना बहुत जरूरी है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति और कला को जीवंत रख सके. इस आयोजन में टिंकी कुमारी, पूनम वर्मा, पूर्णिमा रॉय, संगीता कुमारी, नीलू देवी, किरण कुमारी, शिप्रा, सुमित्रा दास, उषा सिंह, जुली देवी, बेबी सिंह, गूंजा कुमारी, रानी देवी, प्रियंका, बेबी देवी, जुली देवी, साक्षी, रीता कुमारी एवं प्रीति शर्मा के अलावा नीतीश नयन एवं कुमार कौशिक की भूमिका सराहनीय रही.

फोटो -20 पूर्णिया 7- जूट एवं बनाना नेचुरल फाइवर से बनी राखी प्रदर्शित करती महिलाएं

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