पूर्णिया. जिले में एम्बुलेंसकर्मियों की हड़ताल का असर दिखने लगा है. विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों सहित जिला मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए बीमार अथवा जरुरतमंद मरीजों को मिलनेवाली इस सरकारी सुविधा के बाधित हो जाने से उनकी परेशानियां बढ़ गयीं हैं. ख़ास तौर पर आपात स्थिति में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों सहित विभिन्न हादसों में घायल मरीजों के लिए इस हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है. इधर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में निजी अथवा भाड़े पर चार पहिया एवं तिपहिया वाहनों पर इलाज के लिए दूर दूर से मरीजों का आना लगातार जारी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस परिस्थिति को देखते हुए अन्य कार्यों के लिए प्रदत्त सरकारी वाहनों का इस्तेमाल मरीजों की आपात स्थिति में करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है. गौरतलब है कि विगत तीन दिनों से अपनी चार सूत्री मांगों के समर्थन में एम्बुलेंस हड़ताल पर हैं. इनकी चार सूत्री मांगों में मुख्य रूप से रुके वेतन का भुगतान, नयी एजेंसी द्वारा एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराए जाने के मामले में इनका समायोजन, श्रम क़ानून के तहत कुशल कर्मियों के अनुसार पेमेंट का निर्धारण एवं जिले में नियुक्ति पत्र प्रदान किये जाने जैसी मांगें शामिल हैं. इधर, गुरुवार को सदर विधायक विजय खेमका ने हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंसकर्मियों से मिलकर उनके बारे में जानकारी हासिल की. उन्होंने एम्बुलेंस सेवा को अति आवश्यक एवं मानव जीवन रक्षा से जोड़ते हुए जल्द ही समाधान का रास्ता निकालने का सभी को भरोसा दिलाया. इस सम्बन्ध में उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया से बातचीत भी की. उन्होंने नयी एजेंसी द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों की मांगों पर गौर करते हुए इस दिशा में जल्द ही पहल किये जाने की उम्मीद जतायी. फोटो -24 पूर्णिया 30- हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंसकर्मी
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