Bihar News: पूर्णिया एयरपोर्ट (Purnia Airport) के निर्माण के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने सॉयल टेस्टिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है. टेस्टिंग के लिए दो सॉयल इन्वेस्टिगेशन हाइड्रोलिक ड्रिलिंग रिग का उपयोग किया जा रहा है. कुल 12 स्थानों पर ड्रिलिंग कर सॉयल टेस्टिंग के लिए मिट्टी का सैंपल एकत्रित किया जायेगा. पूर्णिया के जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने शनिवार को ड्रिलिंग टीम से ड्रिलिंग एवं सैंपल एकत्रित करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली.
कैसे की जाएगी सॉयल टेस्टिंग? जानिए प्रक्रिया…
सॉयल टेस्टिंग ड्रिलिंग टीम ने बताया कि कुल 12 बोर किया जाएगा जिसमें 20 मीटर के नौ बोर तथा आठ मीटर का तीन बोर किया जाएगा. ड्रिलिंग के दौरान प्रत्येक डेढ़ मीटर की गहराई से मिट्टी का सैंपल लिया जा रहा है. सैंपल एकत्रित करने के लिए स्पेशल ड्रिल का उपयोग किया जा रहा जिसकी लंबाई 45 सेंटीमीटर है तथा इसमें एक इंच मोटाई का मिट्टी का सैंपल एकत्रित किया जाता है. ड्रिलिंग टीम ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान एकत्रित सैंपल को लैब में आगे की जांच हेतु भेजा जाएगा. जिला पदाधिकारी द्वारा मौके पर उपस्थित पदाधिकारियों को एयरपोर्ट निर्माण कार्यों की लगातार पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिया गया.
एलाइनमेंट के लिए किया जा रहा पिलरिंग का कार्य
इसके बाद जिला पदाधिकारी द्वारा मुख्य सड़क से सिविल एनक्लेव को जोड़ने वाली प्रस्तावित सड़क के एलाइनमेंट के लिए किए जा रहे पिलरिंग के कार्य का निरीक्षण किया गया.जिला पदाधिकारी द्वारा मौके पर मौजूद कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल पूर्णिया को एलाइनमेंट का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया. स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी के साथ सहायता समाहर्ता,अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, निदेशक डीआरडीए सह प्रभारी पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा पूर्णिया, अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर तथा भूमि सुधार उप समाहर्ता,प्रखंड विकास पदाधिकारी के नगर ,अंचलाधिकारी, संबंधित कार्यपालक अभियंता मौजूद थे.
52.18 एकड़ भूमि की गयी है अधिगृहित
ज्ञात हो कि पूर्णिया हवाई अड्डे के निर्माण हेतु अधिगृहित 52.18 एकड़ भूमि को पूर्व में ही राज्य सरकार द्वारा एएआई को हस्तगत करा दिया गया है.एएआई की दिल्ली से आयी टीम द्वारा अधिगृहित भूमि का तकनीकी सर्वेका कार्य भी पूर्ण हो चुका है. एएआई की टीम द्वारा लगभग 3000 डाटा प्वाइंट का संग्रह किया गया है. सर्वे टीम द्वारा टोपोग्राफी के साथ कंटूर मैपिंग तथा भूमि का अक्षांश, देशांतर एवं भूमि का एलिवेशन आदि का का कार्य किया गया था.