पूर्णिया. पूर्णिया महिला महाविद्यालय के लिए वर्ष 2024 नाउम्मीदी का साल रहा. विवि के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण यह महाविद्यालय 15 साल के बाद भी नैक के दूसरे चरण के मूल्यांकन के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाया है. तत्कालीन कुलपति प्रो राजेश सिंह और तत्कालीन कुलपति प्रो राजनाथ यादव ने पूर्णिया महिला महाविद्यालय को लेकर कई वायदे किये पर उनमें से एक भी वायदे पर विवि खरा उतर नहीं पाया. आलम यह है कि संसाधनों के अभाव और नीतियों की खामियों के कारण पूर्णिया महिला महाविद्यालय में छात्रावास पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल, छात्राओं का नामांकन शुल्क फ्री होने के बाद से ही पूर्णिया महिला महाविद्यालय की वित्तीय स्थिति डांवाडोल होनी शुरू हो गयी. शिक्षा विभाग की ओर से इंटर की पढ़ाई समाप्त कर दिये जाने से रही सही कसर भी पूरी हो गयी. इस वित्तीय दबाव ने कॉलेज प्रशासन की इच्छाशक्ति ही क्षीण कर दी है. वर्तमान में प्रधानाचार्या डॉ. रीता सिन्हा की ओर से सीमित संसाधनों में कॉलेज को संचालित किया जा रहा है. वर्तमान कुलपति प्रो पवन कुमार झा से कॉलेज को काफी अपेक्षा है.
पीजी संकाय शुरू होने में देर
बीते फरवरी में सीनेट ने पूर्णिया महिला महाविद्यालय में पीजी में तीनों संकाय प्रारंभ करने का प्रस्ताव पारित किया. सीनेट सदस्य व वरिष्ठ सर्जन डॉ संजीव कुमार की पहल से सीनेट ने यह निर्णय लिया. मगर पूर्णिया विवि की ओर से निरीक्षी टीम भेजने, राज्य सरकार को अनुशंसा करने और राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया अभी पूरी होनी अभी शेष है. फिलहाल, एकमात्र विषय होम साइंस में ही यहां पीजी हो रहा है.इग्नू व खेल में उपलब्धि
इस साल इग्नू ने पूर्णिया महिला महाविद्यालय में अपना अध्ययन केंद्र प्रारंभ किया है. जबकि खेलकूद की गतिविधियों में यहां की छात्राएं कॉलेज की झोली में उपलब्धियां बटोर रही हैं. शैक्षणिक गतिविधियों में छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर है. ——————-पूर्णिया महिला महाविद्यालय-एक नजरस्थापना: 19 सितंबर 1970एरिया: 12 एकड़भवन: 90 हजार वर्गफीटसफलता दर: 78 प्रतिशतमान्यता : 12 बी वर्ष 2004————–फोटो. 22 पूर्णिया 11 परिचय- पूर्णिया महिला महाविद्यालय.
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