Purnia news : वर्षों से पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने का इंतजार कर रहे सीमांचल के लोगों को अब जल्द ही अच्छी खबर मिलनेवाली है. पूर्णिया के वायु सैनिक हवाई अड्डे से सिविल हवाई सेवा जल्द शुरू होनेवाली है. एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला न केवल सुलझ गया है, बल्कि संपर्क पथ भी ढूंढ़ लिया गया है. इसको लेकर अब कोई विवाद नहीं रह गया है. डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि अब निर्माण को लेकर फिलहाल कोई अड़चन नहीं है. सभी बाधाएं दूर कर ली गयी हैं. अगर सबकुछ ठीकठाक रहा, तो इस दिशा में कार्य भी जल्द प्रारंभ हो जायेगा. पूर्णिया हवाई अड्डा पर अलग से सिविल इन्कलेव, वीवीआइपी लाउंज, कार्गो तथा अन्य सुविधाओं के लिए निर्माण किया जाना है.
जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझा लिया गया
सिविल इन्क्लेव के निर्माण के लिए 52.18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया गया था. बाद में एएआइ द्वारा 15 एकड़ और भूमि की अधियाचना की गयी थी. जिला प्रशासन ने 15 एकड़ जमीन को चिह्नित कर लिया है. जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
चूनापुर रोड को बनाया जायेगा संपर्क पथ
हवाई सेवा शुरू होने से पूर्व संपर्क पथ को लेकर भी काफी दिनों से मामला उलझा हुआ था. संपर्क पथ के लिए कई प्रस्ताव दिये गये, लेकिन किसी पर आम सहमति नहीं बन पायी. अंतत: इस मामले को भी सुलझा लिया गया है. डीएम ने बताया कि पूर्णिया हवाई अड्डे से बाहर जाने के लिए चूनापुर रोड को संपर्क पथ के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. इस रास्ते में अन्य सभी परेशानियां दूर कर ली गयी हैं. चूनापुर रोड से सटे बाइपास रोड गुजरता है, जिससे पूर्णिया से बाहर से आनेवाले यात्रियों को हवाईअड्डे तक पहुंचने में काफी आसानी होगी.
कुछ दूर अंडरग्राउंड होगा संपर्क पथ
तकनीकी कारणों से संपर्क पथ कुछ दूर तक अंडरग्राउंड रहेगा. संपर्क पथ के अंतर्गत मंझली चौक से चूनापुर के बीच सड़क का सौंदर्यीकरण भी किया जायेगा, जिससे बाहर से आये टूरिस्टों को पूर्णिया की झांकी देखने को मिल सके.
सीएम के दौरे के बाद आयी तेजी
24 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चूनापुर एयरपोर्ट पर पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर समीक्षा बैठक की थी. इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रक्षा मंत्रालय, एयरफोर्स के अलावा जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में सीएम ने पूर्णिया एयरपोर्ट को जल्द चालू करने के लिए सभी बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया था. इसके बाद पूर्णिया प्रशासन तेजी से हरकत में आया है. अब जमीन समेत अन्य सभी बाधाओं को दूर करने में जुट गया है.
अधिग्रहित भूमि का हुआ टेक्निकल सर्वे
इस सिलसिले में एएआइ की दिल्ली से आयी टीम ने अधिग्रहित भूमि का तकनीकी सर्वे किया. सर्वे की टीम ने गोआसी मौजा में अधिग्रहित भूमि का ड्रोन तथा डीजीपीएस से अक्षांश, देशांतर के साथ पूरी जमीन का विस्तृत सर्वे किया. इससे पहले एएआइ की टीम ने डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों के साथ सभी तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की और बेहतर कार्य योजना बनायी, ताकि एयरपोर्ट का कार्य सुचारू रूप से जल्द शुरू हो सके. जिलाधिकारी ने बताया कि सर्वे का कार्य पूर्ण होने के बाद कंसल्टेंट द्वारा अपना कंटूर ग्रिड सर्वे रिपोर्ट एएआइ को उपलब्ध करा दिया जायेगा. सर्वे रिपोर्ट के बाद हवाई अड्डे का निर्माण कार्य एएआई द्वारा प्रारंभ कर दिया जाएगा.
आमलोगों के भरोसे को मिला बल
पूर्णिया एयरपोर्ट के शीघ्र निर्माण और यहां से हवाई सेवा चालू करने की मांग को लेकर सीमांचल में कई संगठनों द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इनमें मुख्य रूप से एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इस दिशा में आयी तेजी से आंदोलनकारियों समेत आमलोगों को अब भरोसा हो चला है कि जल्द ही उनका सपना साकार होनेवाला है. दरअसल साल 2015 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान योजना के तहत घोषणा की थी कि पूर्णिया से भी हवाई सेवा बहाल होगी.
लोगों को मिलेगा फायदा
पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण से पूर्णिया के 200 किलोमीटर परिधि के करीब दो करोड़ लोगों को काफी फायदा मिलेगा. इसके अलावा पश्चिम बंगाल और नेपाल के लाखों लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही इस इलाके में व्यवसाय, शिक्षा, मेडिकल सेवा और अन्य सुविधाओं में गति आएगी. अभी लोगों को बागडोगरा और दरभंगा जाना पड़ता है. इसमें अत्यधिक खर्च के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है. नागरिकों का कहना है कि बागडोगरा, दरभंगा और पटना से हवाई जहाज की सेवाओं का लाभ लेनेवालों को छह हजार से सात हजार रुपए टैक्सी भाड़ा और आने-जाने में सात से आठ घंटे समय की बर्बादी भी अब नहीं होगी.